थानों में कबाड़ का ढेर बनने लगे वाहन
थानों में खड़े कई वाहनों के टायर गायब हो गए हैं, तो कुछ के इंजन और सीटें भी चोरी हो चुकी हैं। लंबे समय से नीलामी न होने के कारण ये वाहन वहीं सड़ रहे हैं। बारिश और धूप के संपर्क में आने से इनकी स्थिति और खराब हो गई है। कई थाना परिसर अब कबाड़खाना जैसे दिखने लगे हैं।
लापरवाही के चलते नहीं हो रही नीलामी
करीब डेढ़ साल पहले तत्कालीन एसपी ने सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए थे कि थानों में रखे जप्त वाहनों की सफाई और नीलामी की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए। हालांकि, इन निर्देशों पर अमल नहीं हुआ। वर्तमान में थानों में खड़े कंडम वाहनों की वजह से वहां मच्छर पनपने लगे हैं, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। पुलिसकर्मियों को भी इन वाहनों के कारण स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
नियमों के बावजूद नहीं हो रही कार्रवाई
नियमों के अनुसार, किसी भी जप्त वाहन के मालिक को छह माह के भीतर नोटिस भेजा जाना चाहिए। अगर वाहन मालिक वाहन नहीं ले जाता या कानूनी प्रक्रिया पूरी नहीं करता, तो डीएम की अनुमति से इन वाहनों की नीलामी की जा सकती है। हालांकि, कई थानों में यह प्रक्रिया अधूरी पड़ी है। विचाराधीन मामलों के वाहनों के लिए कोर्ट का फैसला आने के बाद ही डिस्पोजल की कार्रवाई होती है।
वाहन पहचानना भी हो रहा मुश्किल
लंबे समय से थानों में खड़े वाहनों की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि वाहन मालिक अपने वाहन पहचान भी नहीं पा रहे हैं। धूल, धूप और बारिश के चलते वाहनों की पहचान मुश्किल हो गई है। कई वाहनों के पार्ट्स चोरी हो गए हैं, जिससे उनकी मरम्मत भी असंभव हो गई है।
सफाई का अभाव और बढ़ता मच्छरों का खतरा
कई थानों में वाहनों के खड़े रहने से परिसर की सफाई नहीं हो पाती है। इसके चलते मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है। पुलिसकर्मियों को डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बना रहता है। बारिश के मौसम में स्थिति और गंभीर हो जाती है।
आवश्यक कदम उठाने की जरूरत
थानों में जप्त वाहनों की समस्या का समाधान करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है। समय पर नीलामी और उचित रखरखाव से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। पुलिस प्रशासन को निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना चाहिए ताकि थानों की स्थिति सुधर सके और सार्वजनिक संपत्ति बर्बाद न हो।
इन्होंने कहा
थाना प्रभारी को थानों में रखे गए वाहनों की नीलामी करने का अधिकार होता है। हालांकि, इसमें कुछ विशेष नियम होते हैं। थानों में रखे गए वाहनों में यदि कोई वाहन कोर्ट के आदेश से या फिर विचाराधीन मामलों से संबंधित है, तो उसे नीलामी के लिए नहीं लिया जा सकता। जो वाहन लावारिस हैं और जिनकी उम्र 8 साल से ज्यादा हो, उन वाहनों की नीलामी की जा सकती है। ---- सोनाली दुबे, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक