दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। गत दिवस बिलहरी में हुए सड़क हादस ने यातायात सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक जिम ट्रेनर की यात्री बस की टक्कर से मौत के बाद प्रशासन की लापरवाही और नियमों की अनदेखी का मुद्दा फिर सुर्खियों में है। नो एंट्री के बावजूद भारी वाहनों का शहर में प्रवेश जारी है, जिससे आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं।
प्रशासन की नाकामी: नो एंट्री में भी चल रही बसें
बिलहरी रोड पर यात्री बसों का धड़ल्ले से संचालन प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है। नो एंट्री का नियम होने के बावजूद बस संचालक नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। इसके चलते न सिर्फ यातायात बाधित हो रहा है, बल्कि लोगों की जान भी जोखिम में है।
बिलहरी रोड पर यातायात का भारी दबाव
बिलहरी रोड पर रायपुर मंडल जाने वाली बसों का आवागमन आम बात है। इस सड़क पर विकसित हो चुकी कई कालोनियों के कारण सुबह से देर रात तक यातायात का दबाव बना रहता है। बरेला और गौर जैसे ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी इस सड़क से लगातार आते-जाते रहते हैं, जिससे यातायात का बोझ बढ़ जाता है।
सब्जी मंडी और अन्य कारणों से भीड़भाड़
बिलहरी से लेकर गोरा बाजार और एकता चौक तक सड़क किनारे सब्जी मंडी लगती है। इस वजह से सड़क पर हर समय भीड़ बनी रहती है। इसके अलावा यहां कई होटल और बारात घर हैं, जो शादी के सीजन में ट्रैफिक को और अधिक बढ़ा देते हैं।
बाईपास का इस्तेमाल करने से बच रहे हैं बस और भारी वाहन
यात्री बसों और भारी वाहनों के लिए एक बाईपास बनाया गया है, जिसमें बसों को एकता चौक से चुला गोलाई, तिलवारा, अंधमुक चौराहे और पाटन बाईपास होते हुए दीनदयाल बस टर्मिनल तक जाना होता है। लेकिन बस संचालक इस नियम का पालन नहीं कर रहे हैं। रसूख के दम पर ये वाहन सीधे शहर की व्यस्त सड़कों से होकर गुजरते हैं।
स्थानीय लोगों की परेशानी
शहर के बीचोंबीच बसों का संचालन न केवल स्थानीय निवासियों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है, बल्कि व्यापारियों और छोटे दुकानदारों को भी नुकसान हो रहा है। अंपायर टॉकीज के सामने अस्थाई बस स्टैंड बनाना भी ट्रैफिक जाम की स्थिति पैदा करता है।
समाधान की आवश्यकता
अधिकारियों और प्रशासन को इस समस्या का जल्द समाधान निकालना होगा। यात्री बसों और भारी वाहनों को बाईपास का इस्तेमाल करने के लिए सख्त नियम लागू करने होंगे। इसके साथ ही, नो एंट्री का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि हादसों को रोका जा सके।