Bhopal news: क्या है हरी डायरी का काला सच....?

सच को दबाने में लगी जांच एजेंसियां

दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल।
मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा का लगभग 26 दिनों से कोई आता-पता नहीं है। छापे में उसके घर से जो 66 पन्नों वाली हरी डायरी मिली है । उसमें करोड़ों रुपए के अवैध लेनदेन का इंद्राज है। मीडिया में सौरभ शर्मा की डायरी के 6 पन्ने के हिसाब किताब, सोशल मीडिया पर चर्चा मे है। 

जांच एजेंसियों ने अभी तक हरी डायरी के एक पन्ने में ही 1536 करोड रुपए का हिसाब किताब लिखा हुआ है। इसकी जांच अभी तक जांच एजेंसियां क्यों नहीं कर रही हैं। इसको लेकर कांग्रेस हमलावर है। 

हरी डायरी में जिस तरह से आठ कालम में परिवहन नाकों पर अवैध वसूली का हिसाब किताब लिखा गया है। उस पर जांच एजेंसियों ने क्यों चुप्पी साध रखी है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी लगातार हरी डायरी मे लिखे हुए हिसाब किताब को लेकर सरकार को घेरने का काम कर रहे हैं। 

पटवारी का कहना है, डायरी में कोड वर्ड में टीएम का अर्थ ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर है। टीएस का मतलब ट्रांसपोर्ट कमिश्नर है। इनके कोड वर्ड के सामने करोड़ों रुपए के लेनदेन का उल्लेख है। कांग्रेस के भी कुछ पूर्व विधायकों के नाम डायरी में बताये जा रहे हैं। 

जांच एजेंसियों द्वारा इस पर जांच क्यों नहीं की जा रही है। इसको लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी लगातार सरकार और जांच एजेंसियों पर हमलावर हैं। हरी डायरी के एक पन्ने में ही 1536 करोड रुपए, चेक पोस्ट से आने का उल्लेख है। इसी तरह से 103 करोड़ कार्यालय और 155 करोड़ का वन टाइम पेमेंट का भी उल्लेख डायरी में है। परिवहन विभाग में करोड़ों रुपया प्रतिमाह की जो अवैध वसूली हो रही थी।

 उसके बारे में डायरी के साथ-साथ बड़ी मात्रा में सोना और नगद रकम जांच एजेंसियों ने बरामद की है। अभी भी सौरभ शर्मा और उसके साथी फरार हैं। सरकार इसको ठंडे बस्ते में डालकर आरोपियों को बचाने का काम कर रही है। इस मामले को लेकर भाजपा और कांग्रेस के नेता आमने-सामने आ गए हैं। 

सौरभ शर्मा और उनके परिवार जनों पर जरूर जांच एजेंसियों ने शिकंजा कसा है। लेकिन सरकार में बैठे मंत्री और अधिकारियों अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिसके कारण इस वसूली कांड की चर्चा देश भर में हो रही है। 

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