दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्य प्रदेश में लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर के लिए उपभोक्ताओं को अगले 10 साल तक किस्त चुकानी पड़ सकती है। एडवोकेट राजेंद्र अग्रवाल का दावा है कि तीन तरह के टैरिफ मिलाकर एक उपभोक्ता को लगभग 25 हजार रुपये का भुगतान करना होगा। यह राशि बिजली टैरिफ के जरिए वसूली जाएगी, जिससे आम जनता के बिजली खर्च में बढ़ोतरी होगी।
बिजली कंपनियों की योजना
प्रदेश में 2.49 लाख स्मार्ट मीटर पहले ही लगाए जा चुके हैं। पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने प्रति मीटर 3,000 रुपये और 18% जीएसटी जोड़कर 123 करोड़ रुपये की मांग की है। वहीं, पावर मैनेजमेंट कंपनी ने स्मार्ट मीटर के लिए 754 करोड़ रुपये की मांग की है। यदि यह प्रस्ताव मंजूर होता है, तो उपभोक्ताओं को टैरिफ में प्रति यूनिट 10 पैसे अधिक चुकाने होंगे।
मीटर के रखरखाव पर भी देनी होगी राशि
स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनियों को मेंटेनेंस शुल्क भी दिया जाएगा। पूर्व क्षेत्र वितरण कंपनी ने बताया कि स्मार्ट मीटर लगाने के लिए 44 करोड़ रुपये मांगे गए हैं, जबकि लीज शुल्क के रूप में 48 करोड़ रुपये की आवश्यकता बताई गई है। इससे उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा।
बिजली की बढ़ती मांग
मध्य प्रदेश में बिजली की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है। हाल ही में बिजली की डिमांड 18,335 मेगावाट तक पहुंच गई, जबकि कुछ सप्ताह पहले यह 16,394 मेगावाट थी। बिजली कंपनियों ने पहले ही 20,000 मेगावाट तक की व्यवस्था कर रखी थी, जिससे आपूर्ति में कोई दिक्कत नहीं आई।