दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। नगर निगम की आर्थिक स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है और इसका असर कर्मचारियों के वेतन भुगतान पर साफ नजर आ रहा है। फरवरी माह की 5 तारीख हो चुकी है, लेकिन अब तक निगम के नियमित कर्मियों को वेतन नहीं मिला है। जबकि, आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन का भुगतान किया जा चुका है, जिससे निगम की वित्तीय अनियमितताएं उजागर हो रही हैं। नगर निगम के नियमित कर्मियों को हर माह वेतन मिलने में देरी का सामना करना पड़ रहा है।
कर्मचारियों को दैनिक जरूरतें पूरी करने में परेशानी हो रही है और वेतन को लेकर गंभीर असंतोष बढ़ रहा है। नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी वेतन न मिलने का कारण 卐अकाउंट ऑफिसर (एओ) की छुट्टी को बता रहे हैं। लेकिन दूसरी ओर, आउटसोर्स कर्मचारियों का वेतन समय पर जारी किया जा रहा है, जिससे स्पष्ट है कि प्राथमिकता केवल उन्हीं भुगतान पर दी जा रही है जहां से आर्थिक लाभ या कमीशन की संभावना हो।
नगर निगम में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर्स को भी हर महीने वेतन देर से मिलता है। पिछले माह उनका वेतन 20 तारीख को जारी किया गया था, जिससे कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति प्रभावित हो रही है। मौजूदा हालात देखकर ऐसा लग रहा है कि इस बार भी वेतन मिलने में और देरी हो सकती है।
आर्थिक कुप्रबंधन का नतीजा
नगर निगम की वित्तीय स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। प्राथमिक कार्यों और मूलभूत सुविधाओं पर ध्यान न देकर केवल कमीशन आधारित कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे नियमित कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है।
क्या होगी निगम की अगली रणनीति ?
नगर निगम प्रशासन को चाहिए कि वह वित्तीय प्रबंधन को सही तरीके से संचालित करे और कर्मचारियों को समय पर वेतन देने की जिम्मेदारी निभाए। यदि इसी तरह वेतन भुगतान में देरी होती रही, तो कर्मचारियों में असंतोष बढ़ सकता है और निगम प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ सकते हैं।