दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जबलपुर से 25 किलोमीटर दूर बरगी-समाधि रोड से लगे जंगल में 12 दिन पहले मिले तेंदुए के शव के मामले में वन विभाग ने पांच शिकारियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने करंट वाले तार से जंगली सूअर का शिकार करने के लिए जाल बिछाया था, लेकिन उसमें तेंदुआ फंस गया। इसके बाद शिकारियों ने तेंदुए के नाखून निकालकर बेच दिए। कोर्ट ने आरोपियों को 13 दिन की रिमांड पर भेज दिया है।
शिकारियों ने तेंदुए के नाखून ताबीज के लिए बेचे
रेंजर अपूर्व शर्मा ने बताया कि मामले की जांच के लिए वन विभाग की टीम ने जबलपुर-मंडला बॉर्डर के आसपास के गांवों में पूछताछ की। जांच में पता चला कि कुछ स्थानीय शिकारी वन्यजीवों का शिकार करते हैं। पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि तेंदुए के नाखून निकालकर मंडला के आसपास के गांवों में ताबीज बनाने के लिए बेच दिए गए थे।
वीरांगना रानी दुर्गावती समाधि स्थल के पास मिला था शव
1 फरवरी को वीरांगना रानी दुर्गावती समाधि स्थल के समीप झाड़ियों में तेंदुए का शव पड़ा होने की सूचना वन विभाग को मिली थी। मौके पर पहुंचकर टीम ने सर्चिंग की, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं मिला। शव पुराना लग रहा था, जिससे आशंका जताई गई कि इसे शिकार के उद्देश्य से मारा गया है।
शिकारियों ने शव को छिपाने की कोशिश
वन विभाग की जांच में सामने आया कि तेंदुए के शव को शिकारियों ने घटना के बाद गायब करने की कोशिश की थी। मौके से तेंदुए के कुछ बाल मिले थे, लेकिन शव नहीं था। बाद में जांच टीम ने पाया कि शिकारी शव को घसीटकर जबलपुर-मंडला बॉर्डर की दीवार के पीछे फेंक आए थे। सूचना पर मंडला रेंज की टीम पहुंची और शव को बरामद किया गया।
13 दिन की रिमांड पर आरोपी
वन विभाग ने साक्ष्य जुटाने के बाद 12 दिन की गहन जांच के बाद पांच शिकारियों को गिरफ्तार किया। अब कोर्ट ने आरोपियों को 13 दिन की रिमांड पर भेजा है, ताकि उनसे और पूछताछ की जा सके।