दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। गिद्धों को प्रकृति के सफाईकर्मी के रूप में जाना जाता है, जो मृत पशुओं के शवों को खाकर पर्यावरण की सफाई करते हैं और खतरनाक रोगों से मनुष्य की रक्षा करते हैं। गिद्धों की गणना और संरक्षण के लिए वन विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।
वन विभाग द्वारा आगामी 17 फरवरी से गिद्धों की गणना की शुरुआत की जाएगी, जिसे तीन दिनों तक 'विन्टर काउंट' के रूप में 17, 18 और 19 फरवरी को किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, 'समर काउंट' 29 अप्रैल को एक दिन के लिए आयोजित होगा। इस संबंध में कार्यशाला का आयोजन 31 जनवरी को सामाजिक वानिकी वृत्त कार्यालय, ग्वारीघाट में किया गया, जहां मास्टर ट्रेनर मोहनदास नागवानी ने गिद्धों की पहचान और प्रजातिवार गणना के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
कार्यशाला में वनमंडल जबलपुर, कटनी, डिण्डौरी और पश्चिम मण्डला के परिक्षेत्र अधिकारियों एवं 50 से अधिक क्षेत्रीय कर्मचारियों ने भाग लिया। इस दौरान केंद्र सरकार द्वारा गिद्धों को नुकसान पहुंचाने वाली दवाओं, जैसे डिकलोफेनाक, ऐसेक्लॉफीनाक, केटोप्रोफेन और निमेसिड, पर लगाए गए प्रतिबंध के बारे में भी बताया गया।