Jabalpur News: हाईकोर्ट ने पंचायत विभाग और जिला पंचायत सीईओ से मांगा जवाब

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की जस्टिस डीडी बंसल की सिंगल बेंच ने राज्य शासन के पंचायत विभाग और जिला पंचायत सीईओ, शहडोल से सातवें वेतनमान में किए गए अधिक भुगतान की वसूली के आदेश को लेकर जवाब तलब किया है।

ये है मामला

यह मामला चपरासी पद पर कार्यरत सुरेंद्र प्रसाद गुप्ता की याचिका से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने 1 जनवरी 2016 से सातवें वेतनमान के तहत वेतन मिलने के बाद अचानक 2018 से पात्रता मानकर वसूली आदेश जारी करने को चुनौती दी है।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता असीम त्रिवेदी, आनंद शुक्ला, आशीष कुमार तिवारी और विनीत टहनगुरिया ने कोर्ट में दलील दी कि डीआरडीए (DRDA) के कर्मचारी होने के नाते याचिकाकर्ता को राज्य शासन के कर्मचारियों की तरह सभी सेवा लाभ मिलने का हक है। राज्य शासन ने 2016 से सातवें वेतनमान का लाभ देने का आदेश जारी किया था, जिसके तहत याचिकाकर्ता को वेतन दिया गया। लेकिन 8 साल बाद मुख्य कार्यपालन अधिकारी, शहडोल ने मनमाने तरीके से 2018 से वेतनमान लागू मानते हुए वसूली आदेश जारी कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन

याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों से वेतन वसूली नहीं की जा सकती, फिर भी यह आदेश पारित किया गया। इसके अलावा, वसूली आदेश 5 साल पुरानी अवधि से लागू किया गया, जो अनुचित और नियमों के विरुद्ध है।

हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

हाईकोर्ट ने राज्य शासन और जिला पंचायत सीईओ, शहडोल को इस मामले में जवाब देने के निर्देश जारी किए हैं। इस याचिका पर अगली सुनवाई जल्द ही होने की संभावना है।

Post a Comment

Previous Post Next Post