Jabalpur News: पारधी गिरोह ने देवरी में बना रखा था बेस कैंप, शिकारियों की तलाश में जुटा वन विभाग

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। वन्यजीवों के शिकार के लिए कुख्यात पारधी गिरोह ने जबलपुर और मंडला के जंगलों में वारदातों को अंजाम देने के लिए ग्राम देवरी में अपना बेस कैंप बना रखा था। यहां से शिकारी योजनाबद्ध तरीके से शिकार कर वन्य प्राणियों के मूल्यवान अंग निकालकर उनका अवैध कारोबार चला रहे थे। इस गिरोह का पर्दाफाश वन विभाग द्वारा तेंदुए के शिकार की जांच के दौरान हुआ।

मादा तेंदुए की हत्या से खुला गिरोह का राज

गत शनिवार को जबलपुर-मंडला बॉर्डर के समीप समाधि रोड के पास झाड़ियों में एक मादा तेंदुए का शव मिला था। शव के पिछले पैर कटे हुए थे और जबड़ा गायब था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि तेंदुए को करंट लगाकर मारा गया था।

खोजी कुत्तों की मदद से जंगल में छापेमारी

शिकार की पुष्टि होते ही वन विभाग की टीम डॉग स्क्वॉड के साथ सक्रिय हो गई। खोजी कुत्तों की मदद से करीब पांच किलोमीटर का क्षेत्र सर्च किया गया, जहां शिकार में इस्तेमाल किए जाने वाले तार, फंदे और अन्य प्रमाण मिले।

देवरी में मिले खतरनाक हथियार और वन्यजीवों के अवशेष

जांच दल को जंगल के रास्ते मंडला जिले के बीजाडांडी थाना क्षेत्र के देवरी गांव में बंद पड़े दो मकानों पर संदेह हुआ। गांव के सरपंच और वन समिति के सदस्यों की उपस्थिति में मकान खुलवाए गए। अंदर तलाशी लेने पर वन्यजीवों के शिकार में उपयोग किए जाने वाले खतरनाक हथियार, औजार और वन्यजीवों के अंग मिले।

जब्त की गई सामग्री:

बाघ की मूंछ के बाल और नाखून

तीन से चार हिरण की खालें

तेंदुए के पंजे और अन्य अंग

शिकारियों की तलाश में जुटा वन विभाग

पूछताछ में सामने आया कि ये मकान पारधी गिरोह के सदस्यों के हैं, जो यहां से शिकार की योजनाएं बनाकर मंडला और जबलपुर के जंगलों में अवैध शिकार को अंजाम देते थे। फिलहाल मंडला और जबलपुर की वन विभाग की टीम शिकारियों की तलाश में जुटी हुई है। 

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