दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। मध्यप्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत हर घर को नल से जल उपलब्ध कराने की योजना में गड़बड़ियों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों के विधायकों ने नाराजगी जताई है। विधानसभा के बजट सत्र के आठवें दिन बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा ने पाइपलाइन की खराब गुणवत्ता और सड़कों की मरम्मत न होने का मुद्दा उठाया।
पीएचई मंत्री संपतिया उईके ने जवाब देते हुए कहा कि 2027 तक 100% जल आपूर्ति का लक्ष्य रखा गया है और अभी 76% कार्य प्रगति पर है। उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ स्थानों पर ठेकेदारों की लापरवाही सामने आई है, लेकिन सरकार इन गड़बड़ियों को सुधारने के लिए ठोस कदम उठा रही है। अब तक 10 से 12 ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट किया गया है और उनसे वसूली भी की गई है।
पूर्व पीएचई राज्य मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव ने कहा कि इतने बड़े स्तर पर 51 हजार गांवों तक पानी पहुंचाना आसान काम नहीं है और इसमें समय लगेगा। उन्होंने गिरते जलस्तर को भी एक बड़ी चुनौती बताया और कहा कि सरकार अब जलाशयों और नदियों के जरिए जल आपूर्ति सुनिश्चित करने पर काम कर रही है।
सीहोर जिले के बिसनखेड़ी गांव में जलसंकट को लेकर भी सवाल उठे, जहां स्थानीय विधायक और राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने कहा कि वहां ट्यूबवैल के लिए मशीन भेजी गई थी, लेकिन आपसी विवाद के कारण बोरिंग नहीं हो सकी। जल्द ही नया ट्यूबवैल लगाया जाएगा।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि जल जीवन मिशन में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और योजना को सफल बनाने के लिए ठेकेदारों के काम का थर्ड-पार्टी मूल्यांकन अनिवार्य किया गया है।