दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट पर अधिक टैक्स वसूली को लेकर राज्य सरकार से एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। अधिक टैक्स के कारण विमानन कंपनियां फ्लाइट संचालन में असमर्थ हो रही हैं, जिससे जबलपुर की एयर कनेक्टिविटी लगातार घट रही है।
हाईकोर्ट के जस्टिस संजीव सचदेवा की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने राज्य सरकार से स्पष्ट करने को कहा है कि डुमना एयरपोर्ट पर अन्य शहरों की तुलना में अधिक टैक्स क्यों लिया जा रहा है। कोर्ट ने पूछा कि क्या इस टैक्स को कम किया जा सकता है और जनहित में क्या उपाय संभव हैं।
यह मामला नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की जनहित याचिका से जुड़ा है, जिसमें जबलपुर की घटती एयर कनेक्टिविटी पर चिंता जताई गई है। नोटिस के जवाब में विमानन कंपनियों ने कहा कि अधिक टैक्स के कारण वे फ्लाइट संचालन में असमर्थ हैं। एयर इंडिया ने अपने जवाब में कहा कि विस्तृत सर्वे के बाद जबलपुर से उड़ानें लाभदायक नहीं पाई गईं, क्योंकि डुमना एयरपोर्ट के अधिक चार्ज से कंपनियों को नुकसान हो रहा है।
याचिकाकर्ता के अनुसार, पहले जबलपुर से मुंबई, पुणे, कोलकाता और बेंगलुरु जैसी जगहों के लिए नियमित उड़ानें संचालित होती थीं, जिससे शहर की एयर कनेक्टिविटी इंदौर, ग्वालियर और भोपाल के बराबर थी। लेकिन अधिक टैक्स और अन्य कारणों से फ्लाइट्स की संख्या घटकर मात्र पाँच रह गई है, जिससे जबलपुर के व्यापार और विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
पूर्व में इंडिगो एयरलाइंस ने हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल कर दिया था। एयर इंडिया एक्सप्रेस ने भी जवाब दिया कि वे 45 हवाई अड्डों से उड़ान संचालित कर रहे हैं, लेकिन जबलपुर उन 73 एयरपोर्ट्स में शामिल है, जहां से उनका संचालन नहीं होता। हाईकोर्ट सरकार के जवाब के आधार पर इस मामले में अगली सुनवाई में निर्णय लेगा।