Jabalpur News: शहपुरा तहसील में 'फर्जी कोर्ट' का ड्रामा, दैवेभो कर्मचारी ने आरोपी को दे दी जमानत ; देखे वीडियो

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जबलपुर की शहपुरा तहसील में एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है, जिसने प्रशासन और पुलिस दोनों की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। तहसील परिसर में एक दैनिक वेतन भोगी (दैवेभो) कर्मचारी ने खुद को 'जज' बना लिया और पत्नी से मारपीट के आरोपी को जमानत दे दी। यह सारा घटनाक्रम कैमरे में कैद हुआ और सोशल मीडिया पर वायरल होते ही हड़कंप मच गया।

टीन शेड के नीचे लगाई 'कोर्ट'

मामला 18 अप्रैल का है। बेलखेड़ा थाना पुलिस ने पत्नी से सरेराह मारपीट करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया था। 19 अप्रैल को उसे शहपुरा तहसील न्यायालय में पेश किया जाना था, लेकिन शनिवार की छुट्टी के चलते तहसीलदार अनुपस्थित थे। इसी बीच तहसील कार्यालय में कार्यरत अजय रजक नामक कर्मचारी ने तहसीलदार से फोन पर संक्षिप्त बात की और खुद ही कोर्ट लगा डाली।

अजय ने टीन शेड के नीचे बैठकर न केवल आरोपी की जमानत लिखित रूप में तैयार की, बल्कि पुलिस को उसे छोड़ने के निर्देश भी दे दिए। आश्चर्य की बात यह रही कि पुलिस ने भी बिना जांच-पड़ताल के आरोपी को छोड़ दिया।

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल, प्रशासन हरकत में

इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो वहां मौजूद लोगों ने बना लिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो में स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि अजय पुलिसकर्मियों के साथ बैठकर 'कानूनी प्रक्रिया' पूरी कर रहा है। मामला उजागर होते ही प्रशासन सक्रिय हो गया है।

शहपुरा एसडीएम कुलदीप पाराशर ने कहा कि यदि ऐसा हुआ है तो यह गंभीर मामला है और जांच का विषय है। वहीं, एएसपी सूर्यकांत शर्मा ने शहपुरा थाना प्रभारी को मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। अजय रजक और बेलखेड़ा पुलिस से भी पूछताछ की जा रही है।

तहसीलदार ने दी सफाई

तहसीलदार रविंद्र पटेल का कहना है कि अजय ने फोन पर उनसे बात की थी, लेकिन वे फील्ड में थे और बात पूरी नहीं हो सकी। उधर, अजय का दावा है कि उन्होंने तहसीलदार के कहने पर ही लिखा-पढ़ी की।

अब सवाल यह उठ रहा है कि पुलिस ने कैसे एक कर्मचारी के कहने पर आरोपी को छोड़ दिया, जबकि वह तहसीलदार नहीं था।


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