दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्यप्रदेश में शराब कारोबार से जुड़े बड़े घोटाले के खुलासे के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को जबलपुर, इंदौर और भोपाल में एक साथ बड़ी कार्रवाई की। शराब कारोबारियों के घर और दफ्तरों पर छापेमारी कर ईडी ने बैंक डिटेल्स, महत्वपूर्ण दस्तावेज और कंप्यूटर हार्ड डिस्क जब्त की हैं।
करोड़ों की शराब फर्जी चालानों से बेची
ईडी को जांच में पता चला है कि शराब ठेकेदारों ने आबकारी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी चालान बनाकर करोड़ों रुपए की शराब बेची है। इस घोटाले में करीब 71 करोड़ रुपये के गबन की आशंका जताई गई है।
जबलपुर, इंदौर और भोपाल में एक साथ छापे
जबलपुर में जायसवाल और चौकसे ग्रुप के ठिकानों पर छापेमारी हुई। साथ ही इंदौर और भोपाल में भी शराब ठेकेदारों के घर-दफ्तरों पर एक्शन लिया गया। कार्रवाई में एमजी रोड समूह के अविनाश और विजय श्रीवास्तव, जीपीओ चौराहा समूह के राकेश जायसवाल, तोपखाना समूह के योगेंद्र जायसवाल, बायपास चौराहा देवगुराड़िया समूह के राहुल चौकसे, गवली पलासिया समूह के सूर्यप्रकाश अरोरा, गोपाल शिवहरे, लवकुश और प्रदीप जायसवाल के ठिकानों को निशाना बनाया गया।
ठेकेदारों में मचा हड़कंप
ईडी की कार्रवाई से ठेकेदारों और आबकारी विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। जबलपुर जिले में ही 130 से ज्यादा शराब दुकानें हैं, जिनका हाल ही में करीब एक हजार करोड़ रुपए का नया ठेका हुआ था।
2017 के घोटाले से जुड़े हैं तार
जानकारी के अनुसार वर्ष 2017 में इंदौर के रावजी बाजार थाना में एफआईआर क्रमांक 172/2017 दर्ज की गई थी। इसमें फर्जी बैंक चालान बनाकर शराब गोदाम से अधिक शराब उठाने और बेचने का मामला सामने आया था। 2015 से 2018 के बीच इंदौर जिला आबकारी कार्यालय में सरकारी गोदाम से शराब लेने के लिए इस्तेमाल हुए 194 चालानों में भारी गड़बड़ी पाई गई थी।
ईडी ने मांगा वसूली का ब्योरा
ईडी ने आबकारी विभाग से ठेकेदारों द्वारा दी गई रकम और फर्जीवाड़े के पूरे ब्योरे की मांग की है। सूत्रों के मुताबिक चालानों में '0' जोड़कर हजारों की रकम को लाखों में बदल दिया गया और उसी हिसाब से शराब की डिलीवरी गोदाम से करवाई गई।