दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। राजस्व रिकॉर्ड में जीवित व्यक्ति को मृत दर्शाकर उसकी कृषि भूमि को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर किसी अन्य को बेचने का मामला सामने आया है। शिकायतकर्ता राजकुमार जैन, निवासी मेन रोड गोटेगांव नरसिंहपुर ने थाना संजीवनी नगर में शिकायत दर्ज कराई कि उनकी ग्राम कठोंदा स्थित कृषि भूमि पर शासकीय त्रुटि से विनोद केवट व अन्य के नाम दर्ज हो गए थे।
शिकायत में बताया गया कि इस तथ्य की जानकारी होने के बावजूद विनोद केवट, प्रमोद केवट, मनोज केवट, सावित्री केवट व अन्य ने षडयंत्रपूर्वक उक्त भूमि को शकुंतला राठौर के नाम मात्र 48 लाख में विक्रय कर दिया, जबकि उस संपत्ति का बाजार मूल्य लगभग 2 करोड़ रुपये है। जांच में यह भी सामने आया कि उक्त लोगों ने राजस्व रिकॉर्ड में माया बाई और सावित्री केवट का नाम दर्ज कराने के लिए राजकुमार जैन को मृत दर्शाया और माया व सावित्री को उनकी वारिस बताया। माया बाई की मृत्यु के पश्चात उसके पुत्रों विनोद, प्रमोद, मनोज ने मिलकर फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से नामांतरण कराया और भूमि को अन्य लोगों के साथ मिलकर बेच दिया।
जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि विक्रय पत्र में संपत्ति को विक्रेताओं की पैतृक संपत्ति बताया गया, जबकि राजस्व रिकॉर्डों में वह भूमि प्रारंभ से राजकुमार जैन के नाम दर्ज थी, जिसे त्रुटिवश विलोपित कर दिया गया था।
विक्रय पत्र की जानकारी मिलने के पश्चात राजकुमार जैन ने तहसीलदार अधारताल के समक्ष भी आपत्ति दर्ज कराई और नामांतरण संबंधी रिकॉर्ड की जानकारी अभिलेखागार से प्राप्त की, परंतु कोई वैध दस्तावेज नहीं मिला।
संपूर्ण जांच के बाद पुलिस ने माया केवट (मृत), सावित्री केवट, गोपाल केवट, विनोद केवट, प्रमोद केवट, मनोज केवट, शकुंतला राठौर, सुरेन्द्र सिंह राठौर, संतोष कुशवाहा, रीता केवट और मुकेश पाण्डेय के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 465, 467, 468, 471, 120-बी के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है और मामले की विवेचना प्रारंभ कर दी गई है।