दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। नेताजी सुभाष चंद्र बोस केंद्रीय कारागार से पुलिस लाइन की ओर जाने वाले मार्ग पर बड़ा हादसा हो गया। कारागार की सीमा के पास स्थित तीन जर्जर मकानों पर एक भारी-भरकम नीम का पेड़ अचानक गिर पड़ा। यह हादसा सुबह करीब 4 बजे हुआ, जिसमें जेल कर्मचारियों और उनके परिवार के कई सदस्य चपेट में आ गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पेड़ गिरने की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के लोग घबरा गए और मदद के लिए दौड़े। पेड़ की चपेट में आने से मकानों को काफी नुकसान पहुंचा और उसमें रह रहे लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
हैरानी की बात यह रही कि घटना की सूचना तत्काल जेल प्रशासन को दे दी गई थी, लेकिन उसके बावजूद सुबह 8:30 बजे तक कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। इस दौरान स्थानीय लोगों और परिजनों ने घायलों को जैसे-तैसे अस्पताल पहुंचाया।
पीड़ितों के अनुसार, इन जर्जर मकानों की हालत पहले से ही खराब थी और नीम का पेड़ काफी समय से खतरे की स्थिति में था, लेकिन इसकी सूचना कई बार देने के बावजूद प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया।
प्रशासन की लापरवाही को लेकर स्थानीय लोगों में भारी नाराज़गी है। उनका कहना है कि यदि समय रहते पेड़ को काट दिया जाता या मकानों की स्थिति पर ध्यान दिया जाता, तो यह हादसा टाला जा सकता था।
घटना के कई घंटे बाद नगर निगम और जेल प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और पेड़ को हटाने की कार्रवाई शुरू की गई। घायलों का इलाज सरकारी अस्पताल में चल रहा है। घायलों के परिजनों ने प्रशासन से मुआवज़े की मांग की है।
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