दैनिक सांध्य बन्धु नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले में असम के श्रीभूमि कस्बे के एक परिवार ने चमत्कारी रूप से अपनी जान बचाई। देबाशीष भट्टाचार्य, जो असम विश्वविद्यालय के बंगाली डिपार्टमेंट में कार्यरत हैं, अपनी पत्नी मधुमिता और बेटे के साथ कश्मीर घूमने गए थे। हमला होते ही वे पेड़ के नीचे छिप गए। देबाशीष ने बताया कि उन्होंने वहां कुछ लोगों को कलमा पढ़ते सुना और खुद भी जोर-जोर से कलमा पढ़ने लगे। इसी बीच एक आतंकी उनके पास आया और पूछा – "क्या राम नाम बोल रहे हो?" देबाशीष ने जवाब नहीं दिया, बल्कि और जोर से कलमा पढ़ना शुरू कर दिया। थोड़ी देर बाद आतंकी चला गया और उनकी जान बच गई।
दाढ़ी बनी पहचान की ढाल
देबाशीष की पत्नी मधुमिता ने बताया कि उनके पति की दाढ़ी की वजह से शायद आतंकी उन्हें पहचान नहीं पाए और उन्हें मुस्लिम समझकर छोड़ दिया। फिलहाल पूरा परिवार श्रीनगर में सुरक्षित है।
देश गम और गुस्से में, 28 लोगों की जान गई
इस हमले में अब तक 28 निर्दोष लोगों की जान जा चुकी है और कई घायल अस्पताल में भर्ती हैं। पूरा देश इस हमले को लेकर शोक और आक्रोश में डूबा है।
मिलेगा करारा जवाब : राजनाथ सिंह
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत को आतंक से डराया नहीं जा सकता। उन्होंने स्पष्ट किया कि आतंकियों और साजिशकर्ताओं को ऐसा जवाब मिलेगा कि पूरी दुनिया देखेगी। भारत किसी भी दोषी को नहीं छोड़ेगा और कठोर कार्रवाई करेगा। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।