दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। खेती-किसानी में तकनीकी नवाचार अब तेजी से जमीन पर उतरने लगे हैं। इसी कड़ी में कृषि विभाग और जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर ने मिलकर नरवाई प्रबंधन का नया समाधान पेश किया है।
अब ड्रोन के जरिए खेतों में डी-कंपोजर का छिड़काव किया जाएगा, जिससे मात्र 15-20 दिनों में पराली खाद में बदल जाएगी। इस तकनीक से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी और कार्बन व सूक्ष्म जीवों की मात्रा में इजाफा होगा।
विभाग के सहायक संचालक रवि आम्रवंशी ने जानकारी दी कि ड्रोन के जरिए एक एकड़ खेत में केवल 5 से 7 मिनट में डी-कंपोजर का छिड़काव किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि नरवाई जलाना पर्यावरण और मिट्टी दोनों के लिए नुकसानदेह है।
शासन ने पराली जलाने पर सख्त निर्देश जारी किए हैं और ऐसे मामलों में जांच कर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। किसान कल्याण विभाग किसानों को सुपर सीडर मशीन से खेती के लिए भी प्रेरित कर रहा है। यह मशीन पराली को बारीक काटकर उसे मिट्टी में मिला देती है। इसमें बीज और उर्वरक के लिए अलग-अलग कम्पार्टमेंट होते हैं।
55 एचपी से अधिक क्षमता वाले ट्रैक्टर से चलने वाली इस मशीन से बिना जुताई के सीधे बीज बोने पर 8-10 प्रतिशत तक उत्पादन बढ़ सकता है और बीज का बेहतर अंकुरण भी सुनिश्चित होता है।