युवक कांग्रेस चुनावः आज से शुरू हो गई प्रक्रिया, उम्र सीमा ने बदली युवा राजनीति की तस्वीर

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्य प्रदेश में युवक कांग्रेस के चुनावों का बिगुल बज चुका हैं। 27 अप्रैल से शुरू हुई चुनावी प्रक्रिया ने प्रदेश की राजनीति में नई सरगर्मी ला दी है। लेकिन इस बार की सबसे चर्चित बात रही उम्र सीमा। संगठन ने साफ किया है कि केवल 18 से 35 वर्ष तक के ही युवा चुनाव लड़ सकेंगे। इससे कई ऐसे युवा नेता, जिन्होंने बीते वर्षों में संगठन के लिए मेहनत की, अब इस दौड़ से बाहर हो गए हैं। इन नेताओं का मानना है कि यदि चुनाव 2023 में तय समय पर हो जाते, तो वे भी इस मंच पर अपनी भूमिका निभा सकते थे। अब जब दो साल बाद चुनाव हो रहे हैं, तो उम्र की सीमा पार कर चुके कई 'पूर्व युवा' नेता केवल दर्शक बनकर रह गए हैं। संगठन के इस निर्णय पर उठ रहे सवाल यह भी दिखाते हैं कि राजनीतिक मंच पर देरी सिर्फ तारीखों को नहीं, अवसरों को भी पीछे छोड़ देती है। 

आधुनिक तकनीक से पारदर्शिता की ओर कदम 

इस बार पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से संचालित की जा रही है। संगठन की ओर से मोबाइल ऐप पर 50 रुपए शुल्क देकर 18 से 35 आयु वर्ग के युवक-युवती सदस्य बन सकते हैं और तुरंत बोटिंग भी कर सकते हैं। इसके लिए आधार या वोटर कार्ड के साथ फोटो/वीडियो अपलोड करना अनिवार्य होगा। अधिकांश युवा नेताओ का माना है कि यह ऑनलाइन (तकनीकी प्रणाली) चुनाव में पारदर्शिता लाएगी। 

शहर में आरक्षण ने बदले समीकरण 

लॉटरी सिस्टम के तहत महाकौशल संभाग में जबलपुर नगर की सीट अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के लिए आरक्षित कर दी गई है। यानी इस बार शहर की सीट पर केवल स्ष्ट वर्ग के ही युवा दावेदारी कर सकेंगे। इससे चुनावी गणित में नया समीकरण बनता नजर आ रहा है। इस आरक्षण ने शहर की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है। कई ऐसे युवा नेता जो शहर अध्यक्ष की तैयारी कर रहे थे आरक्षण के चलते वे अब प्रदेश पदाधिकारी के लिए चुनाव लड़ सकते है। वहीं माना जा रहा है कि शहर अध्यक्ष के लिए कांग्रेस के कद्दावर नेता और जबलपुर में कांग्रेस के एकमात्र विधायक लखन घनघोरिया के पुत्र यश घनघोरिया अपनी किस्मत आजमा सकते हैं। उच्च शिक्षा प्राप्त यश घनघोरिया जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से (बी. ई सिविल) हैं और पिछले कुछ वर्षों से युवक कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय हैं और लगातार जमीनी स्तर पर युवाओं से संवाद स्थापित कर रहे हैं, अपने मिलनसार स्वभाव के कारण वह युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय है। 

एक सवाल उम्र की सीमा और वक्त की कीमत क्या है ? 

इस चुनावी प्रक्रिया ने एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं कि क्या किसी संगठन में तय समय पर चुनाव न कराना महज तकनीकी चूक है या राजनीतिक रणनीति? 2020 में कार्यकाल पूरा होने के बाद 2023 में चुनाव की उम्मीद थी, लेकिन जब 2025 में चुनाव हो रहे हैं, तो साफ है कि कई युवा नेता अब युवा की परिभाषा से ही बाहर हो चुके हैं। उनके लिए यह चुनाव एक बंद दरवाजा बन गया है।

चुनाव कार्यक्रम 

नामांकन 27 अप्रैल से 6 मई 

दावा आपत्ति 28 अप्रैल से 7 मई 

स्क्रूटनी 7 से 9 मई 

प्रत्याशियों की घोषणा - 11 मई 

सदस्यता व वोटिंग 11 मई से 11 जून तक 

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