दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। डिण्डौरी में Targeting Rice Fallow Area (टीआरएफए) योजना के तहत किसानों को चना एवं मसूर बीज वितरण में हुए घोटाले का पर्दाफाश करते हुए आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) जबलपुर ने तीन अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर में तात्कालीन उप संचालक कृषि अश्विनी झारिया, तात्कालीन शाखा प्रभारी इंदर लाल गौरिया (सेवानिवृत्त) और वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी हेमंत मरावी को आरोपी बनाया गया है।
शिकायत में आरोप था कि वर्ष 2021-22 में डिण्डौरी जिले के विकास खण्ड मेहंदवानी में किसानों के लिए शासन से प्राप्त चना एवं मसूर बीजों के वितरण में भ्रष्टाचार किया गया। जांच में सामने आया कि कुल 728 कृषकों को 546 क्विंटल चना बीज वितरित किया गया जबकि इसके अतिरिक्त 372 फर्जी नामों की सूची बनाकर 276.75 क्विंटल बीज वितरण दर्शाया गया। इसी प्रकार 305 किसानों को 121.5 क्विंटल मसूर बीज देने के साथ-साथ 295 फर्जी नामों की सूची बनाकर 118 क्विंटल मसूर बीज का वितरण रिकॉर्ड में दर्शाया गया।
स्टॉक रजिस्टर के अवलोकन में पाया गया कि यह बीज कार्यालय में कभी आया ही नहीं। जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि उक्त फर्जी वितरण तत्कालीन उप संचालक अश्विनी झारिया और शाखा प्रभारी इंदर लाल गौरिया के निर्देश पर किया गया। मामले की जांच ईओडब्ल्यू जबलपुर के उप पुलिस अधीक्षक स्वर्ण जीत सिंह धामी द्वारा की गई। जांच में लगे आरोप प्रमाणित पाए जाने पर तीनों अधिकारियों के विरुद्ध धारा 120बी, 409, 420, 467, 468, 471 भारतीय दंड संहिता एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं 7सी, 13(1)(बी) सहपठित 13(2) (संशोधित 2018) के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया गया है। मामला अब विवेचना में है।