Jabalpur News: पनीर के नाम पर एनालॉग पनीर बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश, चलाया जाएगा विशेष अभियान

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। पनीर के नाम पर नागरिकों को गुमराह कर एनालॉग पनीर बेचने वाले व्यापारियों के खिलाफ प्रशासन अब सख्त रुख अपनाने जा रहा है। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने मंगलवार को खाद्य सुरक्षा तथा औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर जिले में विशेष जांच अभियान चलाने के निर्देश दिये हैं।

बैठक में कलेक्टर ने निर्देशित किया कि ऐसे संस्थानों पर आकस्मिक निरीक्षण कर नमूने लिये जाएं, और यदि पनीर के नाम पर एनालॉग पनीर का निर्माण या विक्रय पाया जाए, तो मौके पर ही नष्ट कर वैधानिक कार्रवाई की जाए।

बैठक में अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि पनीर दूध से बनता है और उसमें प्रोटीन, कैल्शियम जैसे पोषक तत्व होते हैं, जबकि एनालॉग पनीर वनस्पति तेल, स्टार्च और मिल्क सॉलिड से बनाया जाता है, जो दिखने में तो पनीर जैसा होता है, परंतु उसमें पोषण कम और गुणवत्ता खराब होती है।

एनालॉग पनीर छूने पर सख्त, चिकना और रबर जैसा होता है। आयोडीन टेस्ट में यह भूरा या नीला रंग दिखाता है, जिससे इसकी पहचान की जा सकती है।

कानूनी प्रावधान भी होंगे लागू

खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम-2006 के तहत गलत लेबलिंग या मिलावटी पनीर बेचने पर 2 लाख रुपये तक का जुर्माना, और डिटर्जेंट या यूरिया पाए जाने की स्थिति में कारावास तक का प्रावधान है।

ग्राहकों को भी किया जाएगा जागरूक

कलेक्टर ने निर्देश दिये कि नागरिकों को पनीर और एनालॉग पनीर के अंतर की जानकारी दी जाए, ताकि वे खुद जागरूक होकर सही उत्पाद की पहचान कर सकें।

स्पष्ट लेबलिंग जरूरी

खाद्य प्रतिष्ठानों को यह निर्देशित किया गया है कि वे ग्राहकों को यह स्पष्ट रूप से सूचित करें कि उनके द्वारा परोसे जा रहे खाद्य पदार्थों में किस प्रकार का पनीर इस्तेमाल किया गया है।

"जनस्वास्थ्य से समझौता नहीं"

जिले में जल्द ही एक व्यापक अभियान चलाकर एनालॉग पनीर की बिक्री पर रोक लगाई जाएगी। प्रशासन का यह कदम जनता को सुरक्षित, शुद्ध और पोषणयुक्त खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

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