दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट का विस्तारीकरण होने के बाद यहां यात्रियों की सुविधाओं में तो इजाफा हुआ है, लेकिन इसकी पूरी क्षमता का उपयोग अब भी नहीं हो पा रहा है। एयरपोर्ट पर लैंडिंग और टेकऑफ करने वाली फ्लाइट्स की संख्या बढ़ने से यात्री संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। हाल के आंकड़ों के मुताबिक, फ्लाइट्स की औसतन 90 फीसदी सीटें फुल जा रही हैं। कई बार इमरजेंसी में टिकट बुक कराने पर यात्रियों को महंगा किराया देना पड़ता है, तो कई बार सीट ही नहीं मिलती।
एयरपोर्ट से फिलहाल दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, इंदौर, बिलासपुर, भोपाल और बेंगलूरु के लिए उड़ानें संचालित हो रही हैं। 15 से 20 मई के बीच हर दिन कम से कम चार फ्लाइट्स का संचालन हुआ, वहीं 18 मई को यह संख्या बढ़कर नौ तक पहुंच गई। बावजूद इसके, जबलपुर से पुणे, कोलकाता जैसे बड़े शहरों के लिए सीधी कनेक्टिविटी न होने के कारण यात्रियों को कनेक्टिंग फ्लाइट या ट्रेन-कार के जरिए नागपुर, इंदौर या भोपाल जाना पड़ता है।
एविएशन विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यहां से और नई उड़ानें शुरू की जाती हैं तो न केवल फ्लायर्स की संख्या और बढ़ेगी बल्कि जबलपुर को देश के प्रमुख शहरों से सीधा जोड़ा जा सकेगा। इससे पर्यटन, व्यापार और औद्योगिक विकास को भी गति मिलेगी।
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