Jabalpur News: नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर जांच में एमपी बना देश का पहला राज्य, 1 जून से चलेगा राज्यव्यापी अभियान

दैनिक सांध्य बन्धु  जबलपुर। तेजी से बढ़ रहे फैटी लिवर के मामलों को गंभीरता से लेते हुए मध्यप्रदेश सरकार एक ऐतिहासिक कदम उठाने जा रही है। 1 जून से पूरे राज्य में नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर की जांच के लिए विशेष अभियान शुरू किया जाएगा। यह अभियान देश में अपनी तरह का पहला प्रयास होगा, जिसमें 30 साल से अधिक उम्र के प्रत्येक नागरिक की कमर नापकर प्रारंभिक स्क्रीनिंग की जाएगी।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, जिन पुरुषों की कमर 90 सेंटीमीटर और महिलाओं की कमर 80 सेंटीमीटर से अधिक होगी, उन्हें फैटी लिवर की जांच के लिए स्कैन किया जाएगा। यह जांच सभी जिलों के सरकारी अस्पतालों में की जाएगी। इसके लिए डॉक्टरों से लेकर आशा कार्यकर्ताओं तक को प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वे घर-घर जाकर लोगों की जांच कर सकें।

फैटी लिवर एक गंभीर स्थिति है, जिसमें लिवर में वसा जम जाती है। यह मोटापा, मधुमेह, हाई कोलेस्ट्रॉल जैसे कारणों से होता है और अगर समय पर ध्यान न दिया जाए, तो यह लिवर सिरोसिस या कैंसर जैसी जटिल बीमारियों में बदल सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बीमारी बिना शराब के सेवन के भी तेजी से फैल रही है, जिसे नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) कहा जाता है।

मध्यप्रदेश सरकार ने इस अभियान के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज के साथ एमओयू किया है। अभियान का उद्देश्य है लोगों को समय रहते इस बीमारी के प्रति जागरूक करना और उनकी जीवनशैली में बदलाव लाकर उन्हें स्वस्थ जीवन की ओर ले जाना।

फैटी लिवर की रोकथाम के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और वजन नियंत्रण जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग ने इस अभियान को गंभीरता से लेते हुए इसे समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने की योजना बनाई है, ताकि हर नागरिक की समय पर जांच हो सके और लिवर की इस छुपी हुई बीमारी से बचाव हो सके।

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