दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। तहसील मझौली के अंतर्गत स्थित मां रेवा वेयरहाउस धनाड़ी में गेहूं में मिट्टी और कंकड़ की मिलावट कर सरकारी उपार्जन प्रणाली से धोखाधड़ी का गंभीर मामला उजागर हुआ है। कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी कुंजन सिंह राजपूत की शिकायत पर मझौली थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है।
मामले में आरोपी नितेश पटेल, जो मां रेवा वेयरहाउस का संचालक है, तथा श्रीमती शीला बाई कुशवाहा, जो कांकरदेही उपार्जन केन्द्र की प्रभारी हैं, के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 318(4), 61(2)(क) एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3 व 7 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
जांच में खुलासा हुआ कि वेयरहाउस परिसर में 1000 सरकारी बारदानें, 270 प्लास्टिक की बोरियों में रखा गेहूं और लगभग 100 क्विंटल खुले में भंडारित गेहूं में भारी मात्रा में मिट्टी, कंकड़ और पत्थर की मिलावट की गई थी। इसके अतिरिक्त, मौके पर 250 बोरियों में मिलावटी गेहूं और 230 बोरियों में मिट्टी भरी मिलीं, जिन्हें एक माजदा वाहन (MP20GA6240) से ढोया जा रहा था। वाहन मालिक के पुत्र रोहित साहू ने बताया कि यह कार्य नितेश पटेल के कहने पर किया गया और 4500 रुपये प्रति चक्कर का भुगतान हुआ।
वहीं, मजदूरों के बयान से यह भी स्पष्ट हुआ कि उन्हें 7 रुपये प्रति बोरी की दर से मजदूरी दी जाती थी। सबला संकुल स्तरीय संगठन कांकरदेही द्वारा संचालित उपार्जन केंद्र से भी 1020 सरकारी बारदानों की कमी पाई गई, जो घटनास्थल पर मिली बोरियों से मेल खाती है। इससे संगठन की संलिप्तता की पुष्टि हुई है।
पूर्व में भी नितेश पटेल के विरुद्ध उपार्जन कार्य में गड़बड़ी के मामले दर्ज हो चुके हैं। थाना मझौली में दर्ज इस एफआईआर की जांच का जिम्मा प्रधान आरक्षक मुकेश सिंह ठाकुर को सौंपा गया है। प्रशासन द्वारा मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभागों को सतर्क कर दिया गया है।