दैनिक सांध्य बन्धु मोहनलालगंज। उत्तर प्रदेश के मोहनलालगंज के गौरा गांव में 25 अप्रैल 2009 को हुए भीषण हत्याकांड में एक ही परिवार के पांच लोगों की कुल्हाड़ी से बेरहमी से हत्या कर दी गई। इस दिल दहला देने वाली वारदात के पीछे वजह अवैध संबंध और पारिवारिक कलह को माना जा रहा है।
घटना सुबह 6 बजे की है, जब संतोषी अपने घर में खाना बना रही थी। पति से सामान्य कहासुनी के बाद वह घर से बाहर गया ही था कि सरवन नाम का व्यक्ति और एक महिला घर में घुसे। महिला ने सरवन को कुल्हाड़ी पकड़ाई और कहा, "सबका काम तमाम कर दो।" इसके बाद सरवन ने संतोषी, उसके तीन बच्चों और पड़ोसन माधुरी की बेरहमी से हत्या कर दी। डेढ़ साल के बच्चे को भी नहीं बख्शा गया।
माधुरी की बेटी संगीता ने किसी तरह जान बचाकर भागते हुए थाने पहुंचकर घटना की जानकारी दी। SHO अशोक कुमार शुक्ला टीम लेकर गांव पहुंचे तो पूरे इलाके में चीख-पुकार मची थी। घर में संतोषी, उसके बच्चों रामरूप, सुमिरन और रवि की लाशें मिलीं। रास्ते में माधुरी का शव पड़ा था।
शुरुआती जांच में मृतक संतोषी के पति कोलई और पड़ोसी नन्हा ने दावा किया कि हत्याएं सरवन ने की हैं। वहीं, शक की सुई उसकी भाभी सुमन की ओर भी गई, जिसके साथ सरवन के अवैध संबंध थे। पुलिस ने सुमन को घर से गिरफ्तार किया और थाने लाकर पूछताछ की।
पुलिस को पता चला कि सरवन और सुमन का रिश्ता लंबे समय से गांव में चर्चा का विषय था। सरवन की शादी के बाद भी यह रिश्ता चलता रहा, जिससे उसकी पत्नी परेशान रहती थी। कई बार वह मायके चली गई थी, लेकिन सरवन नहीं सुधरा। संदेह है कि इसी रिश्ते में बाधा बन रही पत्नी संतोषी और उसके बच्चों को हटाने के लिए यह खौफनाक हत्याकांड रचा गया।
घटना के बाद से फरार सरवन को शाम 4 बजे खेतों से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में वह खुद को निर्दोष बताते हुए सारी साजिश नन्हा पर मढ़ने लगा। उसने दावा किया कि नन्हा का उसकी पत्नी से संबंध था और जमीनी विवाद भी चल रहा था। लेकिन नन्हा ने खुद को बेकसूर बताते हुए उल्टा सरवन पर आरोप लगाया।
इस हत्याकांड ने पुलिस को उलझा दिया है कि असली गुनहगार कौन है – सरवन, सुमन या नन्हा? पुलिस ने तीनों को हिरासत में लेकर जांच तेज कर दी है। इस कांड में घायल कोलई का बेटा राजेंद्र भी अस्पताल में भर्ती रहा, जिसने 10 दिन बाद दम तोड़ दिया।