दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। 12 साल पहले दहेज प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या करने वाली महिला तितिक्षा तिवारी को आखिरकार इंसाफ मिला है। जबलपुर की एक अदालत ने इस मामले में शनिवार को सुनवाई पूरी करते हुए मृतका के पति नितिन शुक्ला को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही पति के ममेरे भाई अनूप तिवारी और अतुल तिवारी को एक-एक साल की सजा और अर्थदंड से दंडित किया गया है।
तमिलनाडु में की थी आत्महत्या
2013 में जबलपुर के करमेता निवासी तितिक्षा की शादी उखरी निवासी नितिन शुक्ला से हुई थी। नितिन की नौकरी तमिलनाडु के कांचीपुरम में होने के कारण वह पत्नी को साथ लेकर वहां चला गया था। कुछ समय बाद ही नितिन के साथ उसकी मां कल्पना शुक्ला, और ममेरे भाई अनूप व अतुल तिवारी भी तमिलनाडु पहुंच गए। वहीं पर सभी ने तितिक्षा को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।
सुसाइड नोट से हुआ खुलासा
18 सितंबर 2013 को तितिक्षा ने कांचीपुरम के मरई नगर स्थित घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट भी मिला था, जिसमें तितिक्षा ने प्रताड़ना की वजह से आत्महत्या करने की बात लिखी थी।
दहेज में मांगे थे 8 लाख रुपये
पीड़िता की मां ने बताया कि शादी से पहले ससुराल पक्ष ने 8 लाख रुपये नकद और घरेलू सामान की मांग की थी। आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उन्होंने 4 लाख रुपये नकद और ढाई लाख रुपये का सामान दिया था। बावजूद इसके तितिक्षा को ससुराल वालों ने तंग करना बंद नहीं किया।
मामले की सुनवाई कर रहे अपर सत्र न्यायाधीश अभिषेक सक्सेना ने आरोपी पति नितिन शुक्ला को 10 साल का कठोर कारावास और अन्य दोनों सहआरोपियों को एक-एक वर्ष की सजा सुनाई। कोर्ट ने यह फैसला मृतका के सुसाइड नोट, गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर सुनाया।