दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जबलपुर में शनिवार की रात मानवता और प्रशासनिक संवेदनशीलता की मिसाल बनी। सीमा पर तैनात भारतीय सेना के जवान राहुल कुशवाहा की एक माह की बेटी आराध्या की तबीयत अचानक बिगड़ने पर जिला स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया। सरकारी अवकाश के बावजूद रात 8 बजे से 11 बजे तक स्वास्थ्य कार्यालय खुला रहा और बच्ची की जान बचाने के लिए जरूरी दस्तावेज तैयार कर कुछ ही घंटों में उसे इलाज के लिए मुंबई रवाना कर दिया गया।
आराध्या के दिल में जन्मजात छेद पाया गया, जिससे उसका शरीर नीला पड़ने लगा था। डॉक्टरों ने तत्काल मुंबई रेफर करने की सलाह दी। बच्ची की बिगड़ती हालत की सूचना पर डीईआईसी जिला प्रबंधक सुभाष शुक्ला और सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा खुद कार्यालय लौटे और पूरी टीम ने तीन घंटे में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) के अंतर्गत सभी औपचारिकताएं पूरी कर बच्ची को नारायणा अस्पताल मुंबई के लिए रवाना किया।
मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के अंतर्गत आराध्या का पूरा इलाज नि:शुल्क कराया जाएगा। खास बात यह रही कि सीमा पर तैनात पिता राहुल अपनी मासूम को देखने तक नहीं आ सके। बच्ची का जन्म 26 अप्रैल को हुआ था और दो दिन बाद ही राहुल को ड्यूटी पर श्रीनगर रवाना होना पड़ा था।
इससे पहले भी एक माह पूर्व 17 दिन के बच्चे की जान बचाने के लिए रविवार को बंद दफ्तर खोला गया था।