कर्ज से परेशान एक ही परिवार के 7 लोगों ने की सामूहिक आत्महत्या , 20 करोड़ के कर्ज से थे परेशान

दैनिक सांध्य बन्धु पंचकूला। हरियाणा के पंचकूला से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक ही परिवार के 7 लोगों ने सामूहिक रूप से ज़हर खाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना सोमवार रात की है जब परिवार बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनकर घर लौटा था। सभी लोग कार में बेहोश मिले और अस्पताल पहुंचने तक सभी की मौत हो चुकी थी। मृतकों में प्रवीण मित्तल, उनकी पत्नी रीना, मां विमला, पिता देशराज, बेटा हार्दिक (14), जुड़वां बेटियां हिमशिखा और दलिशा (11) शामिल हैं।

पुलिस को घटनास्थल से दो पन्नों का सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें लिखा गया, “मैं बैंकरप्ट हो चुका हूं। मेरी वजह से ये सब हुआ है।” प्रवीण के ममेरे भाई संदीप के मुताबिक, वह 20 करोड़ के भारी कर्ज में डूबा था और उसे लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं। पहले उसकी हिमाचल में स्क्रैप फैक्ट्री और फिर देहरादून में टूर एंड ट्रैवल्स का कारोबार घाटे में चला गया था। बैंक ने उसे भगोड़ा भी घोषित कर दिया था।

कुछ समय पहले तक परिवार देहरादून के कौलागढ़ इलाके में रह रहा था और बाद में मोहाली होते हुए पंचकूला शिफ्ट हुआ। जीविका के लिए प्रवीण टैक्सी चलाने लगा था और "चाइल्ड लाइफ केयर मिशन" नाम से एक NGO भी चलाता था। देहरादून के एक व्यक्ति ने अपनी कार फाइनेंस कराकर प्रवीण को दी थी, उसी गाड़ी में पूरा परिवार मिला।

टीचर्स के मुताबिक, कुछ हफ्ते पहले ही बच्चों का स्कूल में एडमिशन हुआ था और उस दौरान माता-पिता बिल्कुल सामान्य और शांत नजर आए थे।

यह घटना 2018 के दिल्ली के बुराड़ी कांड की याद दिलाती है, जब 11 लोगों ने सामूहिक सुसाइड कर लिया था। एक बार फिर समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया गया है कि मानसिक, सामाजिक और आर्थिक दबाव इंसान को कहां तक ले जा सकता है। यह एक चेतावनी भी है कि वक्त रहते संवाद और सहायता न मिले तो परिणाम कितने भयावह हो सकते हैं।

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