दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। पति की मौत के बाद एक युवक के साथ पति-पत्नी की तरह रह रही एक विधवा महिला ने बच्चे को जन्म देने के सात महीने बाद युवक पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। हालांकि, इस मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एफआईआर को खारिज कर दिया है।
जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने आदेश में कहा कि सामने आए तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए यह नहीं माना जा सकता कि संबंध विवाह के झूठे वादे पर बने थे। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि दोनों लंबे समय तक साथ रहे और एक संतान को जन्म दिया, इसलिए महिला अन्य वैधानिक अधिकारों जैसे भरण-पोषण के लिए अलग से कार्यवाही कर सकती है।
जबलपुर निवासी युवक के खिलाफ अधारताल थाने में महिला की शिकायत पर दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता महिला की उम्र 32 वर्ष है, जिसके पति की मृत्यु 2021 में हो गई थी। युवक मृत पति का मित्र था, जिससे महिला की नजदीकी बढ़ी। महिला का आरोप है कि मई 2021 में युवक ने शादी का वादा किया और दोनों के बीच शारीरिक संबंध बने। वे पति-पत्नी की तरह साथ रहने लगे, जिससे महिला गर्भवती हुई और एक बच्चे को जन्म दिया।
बाद में युवक ने शादी से इनकार कर दिया, जिस पर महिला ने सात माह बाद एफआईआर दर्ज कराई। हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि यह स्पष्ट है कि दोनों की सहमति से संबंध बने और वे साथ रह रहे थे। अतः यह दुष्कर्म का मामला नहीं बनता।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि यह संबंध झूठे वादे या दबाव में नहीं, बल्कि आपसी सहमति से बना था। महिला यदि भरण-पोषण या अन्य वैधानिक अधिकारों के लिए दावा करना चाहती है, तो इसके लिए अन्य वैधानिक उपाय उपलब्ध हैं।