jabalpur news:जबलपुर स्टेशन पर ट्रेनों में वसूली कर रहे किन्नरों पर RPF की सख्ती, एक सप्ताह में 50 से अधिक गिरफ्तार


दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर | पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर मंडल में ट्रेनों में अवैध रूप से वसूली करने वाले किन्नरों के गिरोह पर रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने शिकंजा कस दिया है। बीते एक सप्ताह में जबलपुर, कटनी और नरसिंहपुर रूट पर चलने वाली ट्रेनों में 50 से अधिक किन्नरों को गिरफ्तार किया गया है।

हालांकि, ये गिरफ्तारी जमानती धाराओं के तहत हुई, जिससे सभी को रिहा कर दिया गया, लेकिन RPF की सक्रियता और सतत निगरानी ने यात्रियों को कुछ राहत जरूर दी है।

रिजर्वेशन कोच में भी घुसते थे जबरन, विरोध पर करते थे अभद्रता

इस तरह की घटनाएं अब केवल पैसेंजर ट्रेनों तक सीमित नहीं रह गई हैं। एसी और स्लीपर कोचों में घुसकर जबरन वसूली करना इन गिरोहों की आम आदत बन चुकी थी। यात्रियों के विरोध करने पर न सिर्फ अपशब्द कहे जाते, बल्कि मारपीट तक की नौबत आ जाती थी।

इटारसी से जबलपुर पहुंचे यात्री नितेश ने बताया—

“मैं स्लीपर कोच में था, तभी दोनों तरफ से चार ट्रांसजेंडर आ गए। ताली बजाते हुए जबरन पैसे मांगने लगे। जब एक यात्री ने सवाल किया कि रिजर्वेशन कोच में कैसे घुसे, तो वे भड़क गए और बहस करने लगे। ट्रेन जैसे ही जबलपुर पहुंची, हमने RPF को सूचना दी और तुरंत कार्रवाई हुई।”

आरपीएफ की रणनीतिक कार्रवाई, यात्रियों ने ली राहत की सांस

आरपीएफ द्वारा प्रत्येक शिकायत पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है। ट्रेनों में गश्त बढ़ाई गई है और संवेदनशील स्टेशनों पर स्टेटिक ड्यूटी बढ़ाई गई है। बुधवार को जबलपुर स्टेशन पर चार किन्नर मौके पर ही गिरफ्तार किए गए।

आरपीएफ सूत्रों के अनुसार, ये किन्नर 3-3 या 4-4 के समूह में चलते हैं और बड़ी चालाकी से भीड़ का फायदा उठाकर कोच में घुस जाते हैं। ये 50 से 100 रुपये की मांग करते हैं, और विरोध पर अभद्र भाषा और अशोभनीय हरकतों का सहारा लेते हैं।

कानूनी पेच: जमानती धाराओं में मिल जाती है रिहाई, समाधान की राह लंबी

यद्यपि RPF लगातार कार्रवाई कर रही है, लेकिन एक कानूनी बाधा यह भी है कि ऐसे मामलों में धारा हल्की होती है, जिसके चलते आरोपी जमानत पर छूट जाते हैं और दोबारा उसी हरकत को दोहराते हैं।

रेलवे सूत्रों ने बताया कि प्रशासन उच्च स्तर पर इस व्यवहार को “सार्वजनिक उत्पीड़न” की श्रेणी में लाकर कड़े दंड प्रावधान लाने की दिशा में विचार कर रहा है।

यात्रियों की अपील: सुरक्षा बल रहे सतर्क, नियमित निगरानी हो सुनिश्चित

इस घटनाक्रम के बाद से यात्रियों ने रेलवे से मांग की है कि RPF व रेलवे कर्मियों की ट्रेनों में मौजूदगी नियमित रहे, विशेषकर रिजर्वेशन कोचों में।

वर्तमान में रेलवे की सबसे बड़ी चुनौती है— सामाजिक समावेशिता और क़ानूनी कार्रवाई के बीच संतुलन बनाए रखना, जिससे एक वर्ग की पहचान या अधिकारों का उल्लंघन न हो, लेकिन यात्रियों की सुरक्षा और गरिमा भी बनी रहे।


Post a Comment

Previous Post Next Post