दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने न्यायिक व्यवस्था में लापरवाही बरतने पर एक थानेदार को ऐसी अनोखी सजा सुनाई है, जो मिसाल बन सकती है। सतना जिले के कोतवाली थाना प्रभारी रविंद्र द्विवेदी को हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि वे आगामी एक वर्ष में चित्रकूट क्षेत्र में 1 हजार फलदार पौधे लगाएं। यही नहीं, सभी पौधों की जीपीएस लोकेशन, फोटोग्राफ्स और उनकी देखरेख की रिपोर्ट भी अदालत में पेश करनी होगी।
यह फैसला हाईकोर्ट की डबल बेंचजस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस अवनींद्र कुमार सिंहने एक बलात्कार पीड़िता को नोटिस तामील न कराने के मामले में सुनाया। दरअसल, 10 अक्टूबर 2021 को नाबालिग से दुराचार के आरोप में आरोपी रामअवतार चौधरी को सतना की जिला अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। आरोपी ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी।
इस पर हाईकोर्ट ने 30 सितंबर 2024 को पीड़िता को नोटिस जारी किया और सतना कोतवाली पुलिस को इसकी तामील कराने का निर्देश दिया। लेकिन थाना प्रभारी की ओर से समय पर नोटिस तामील नहीं कराया गया, जिससे अदालत ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए पर्यावरण सेवा के रूप में यह विशेष दंड तय किया।
अदालत ने दिए ये सख्त निर्देश:
-
पौधारोपण की अवधि 1 जुलाई 2025 से 31 अगस्त 2026 तक निर्धारित की गई है।
-
इस दौरान लगाए गए सभी पौधों की देखभाल भी TI रविंद्र द्विवेदी को स्वयं करनी होगी।
-
प्रत्येक पौधे की फोटो, GPS लोकेशन, और स्थिति की जानकारी अदालत में देना अनिवार्य होगा।
-
सतना एसपी को 16 सितंबर 2025 को इस पूरे अभियान की निरीक्षण रिपोर्ट अदालत में पेश करनी होगी।
हाईकोर्ट की यह कार्यवाही न केवल पुलिस प्रशासन को जवाबदेह बनाने की दिशा में एक नया दृष्टांत प्रस्तुत करती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण को भी न्यायिक प्रक्रिया से जोड़ने का एक सार्थक प्रयास है। मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर को निर्धारित है।