हनुमानताल और घंटाघर में जर्जर भवन गिरे, देर रात मची अफरा-तफरी, बाल-बाल बचे लोग

नगर निगम की अनदेखी से उठे सवाल, बरसात की पहली फुहार में ही ढह गईं दीवारें



जबलपुर। शहर की पहली ही तेज बारिश ने प्रशासन के दावों की पोल खोल दी। सोमवार देर रात घंटाघर क्षेत्र की दो कच्ची दुकानें और हनुमानताल में एक जर्जर मकान अचानक भरभराकर गिर पड़े। गनीमत रही कि इन घटनाओं में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन इससे यह सवाल जरूर खड़ा हो गया कि आखिर नगर निगम की ओर से जर्जर भवनों को लेकर की गई तैयारियां केवल कागज़ों तक सीमित क्यों रहीं?

रात करीब 2 बजे घटी घटनाएं, लोगों में दहशत का माहौल

सबसे पहले घंटाघर क्षेत्र में अब्दुल निज़ाम की ऑटो सर्विस दुकान और बलजीत सिंह की बेकरी, जो पहले से ही जर्जर भवनों की सूची में थीं, बारिश के दौरान भरभराकर गिर पड़ीं। हादसे के वक्त दोनों दुकानें बंद थीं, जिससे बड़ा नुकसान टला, लेकिन दुकानों में रखा सामान मलबे में दबकर पूरी तरह नष्ट हो गया।

इसी दौरान हनुमानताल क्षेत्र में एक कच्चा मकान भी बारिश के चलते अचानक गिर गया। मकान में रह रहे परिवार के सदस्य सौभाग्यवश दूसरे कमरे में सो रहे थे। धीमी आवाज और कंपन के बाद जब वे जागे तो तुरंत बाहर निकल आए, जिससे एक बड़ी त्रासदी टल गई।

प्रशासन को पहले ही था अंदेशा, फिर क्यों नहीं हुई कार्रवाई?

यह चिंताजनक है कि नगर निगम के पास इन सभी भवनों की स्थिति की जानकारी पहले से थी। निगम कमिश्नर द्वारा बारिश पूर्व सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि जर्जर भवनों को चिन्हित कर उन्हें खाली कराएं या गिरा दिया जाए। बावजूद इसके, मैदानी अमले की लापरवाही से तीन भवनों का ढह जाना, आने वाले दिनों में और बड़े हादसों की आशंका को जन्म देता है।

नगर निगम की टीम रात में मौके पर पहुंची और मलबा हटाने का कार्य किया गया, लेकिन घटनाएं हो जाने के बाद की गई सक्रियता, जिम्मेदारियों से बचाव का विकल्प नहीं हो सकती।

शहर में और भी हैं खतरे की घंटी बने भवन

घंटाघर और हनुमानताल की घटनाएं इस बात का संकेत हैं कि जबलपुर शहर में ऐसे कई मकान और दुकानें हैं जो वर्षा के दौरान जानलेवा साबित हो सकती हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि बारिश तेज हुई तो कई और इलाके ऐसे हादसों की चपेट में आ सकते हैं।

स्थानीय पार्षदों और रहवासियों ने मांग की है कि जर्जर भवनों की सूची सार्वजनिक की जाए और तत्काल प्रभाव से ठोस कार्रवाई हो।

प्रशासन के लिए चेतावनी और नागरिकों के लिए अलर्ट

इन घटनाओं ने प्रशासन को आगाह कर दिया है कि यदि अब भी सिर्फ कागज़ी कार्रवाई होती रही, तो जानमाल का नुकसान तय है। साथ ही नागरिकों को भी चाहिए कि वे स्वयं अपने भवनों की स्थिति का मूल्यांकन करें और खतरा महसूस होने पर नगर निगम को सूचित करें।

Dilapidated buildings collapsed in Hanumantal and Ghantaghar, chaos ensued late at night, people narrowly escaped

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