दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में ओबीसी वर्ग को उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण देने संबंधी जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से अदालत को अवगत कराया गया कि इसी विषय पर मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। अदालत ने इसे ध्यान में रखते हुए सुनवाई को 8 सितंबर 2025 तक के लिए स्थगित कर दिया।
यह याचिका एडवोकेट यूनियन फॉर डेमोक्रेसी एंड सोशल जस्टिस संगठन द्वारा दायर की गई थी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की खंडपीठ ने राज्य सरकार से याचिका पर जवाब पेश करने को कहा था।
पिछली सुनवाई 2 अप्रैल 2025 को हुई थी, जिसमें अदालत ने सरकार को अंतिम अवसर देते हुए जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। लेकिन उस आदेश के बावजूद सरकार ने केवल एक प्रारंभिक प्रस्तुतिकरण ही दाखिल किया।
सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि 21 मार्च 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने एक ट्रांसफर याचिका में यह स्पष्ट आदेश दिया है कि जब तक सर्वोच्च न्यायालय में ऐसे मुद्दों की सुनवाई लंबित है, तब तक देशभर के किसी भी हाईकोर्ट में उनसे जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई न की जाए।
सरकार के इस तर्क को रिकॉर्ड पर लेते हुए हाईकोर्ट ने सुनवाई की अगली तिथि 8 सितंबर 2025 तय की है।
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, अधिवक्ता विनायक प्रसाद शाह, परमानंद साहू और उदय कुमार ने अदालत में पक्ष रखा।