MP News: FIR के खिलाफ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी की याचिका पर हाईकोर्ट में फैसला सुरक्षित, रेप पीड़िता की पहचान उजागर करने और विवादित टिप्पणी के मामले में दर्ज हैं दो एफआईआर

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी द्वारा अपने खिलाफ दर्ज दो एफआईआर को चुनौती देने वाली याचिका पर जबलपुर हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। यह मामला प्रदेश की राजनीति और कानून व्यवस्था दोनों के लिहाज से बेहद संवेदनशील माना जा रहा है।

हाईकोर्ट की एकलपीठ जस्टिस संजय द्विवेदी ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद निर्णय को सुरक्षित रखा है। पटवारी की ओर से उनके अधिवक्ता ने एफआईआर को निरस्त करने की मांग की, जबकि दोनों मामलों में शिकायतकर्ताओं के वकील ने एफआईआर को न्यायोचित बताया।

पहला मामला: रेप पीड़िता की पहचान उजागर करने का आरोप

अप्रैल 2024 में झाबुआ में हुई इस घटना में जीतू पटवारी और झाबुआ विधायक विक्रांत भूरिया एक 11 वर्षीय आदिवासी दुष्कर्म पीड़िता के परिवार से मिलने पहुंचे थे। मुलाकात के बाद सोशल मीडिया पर पीड़िता की तस्वीर साझा कर दी गई, जिससे उसकी पहचान सार्वजनिक हो गई।

इस मामले में झाबुआ पुलिस ने पॉक्सो एक्ट और IPC की धाराओं में एफआईआर दर्ज की थी। जानकारी के मुताबिक, गांव के तीन नाबालिगों को दुष्कर्म और सहायता करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

दूसरा मामला: इमरती देवी पर आपत्तिजनक टिप्पणी

दूसरी एफआईआर मई 2024 में ग्वालियर के डबरा थाने में दर्ज की गई। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में जीतू पटवारी को पूर्व मंत्री इमरती देवी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते देखा गया था।

पटवारी ने कथित तौर पर कहा था "देखो ऐसा है, अब इमरती जी का रस खत्म हो गया है। जो अंदर चाशनी होती है... उनके लिए अब मैं कुछ बात नहीं कर रहा।"

इस बयान पर इमरती देवी ने SC/ST एक्ट और IPC की धाराओं के तहत मामला दर्ज कराया था।

हाईकोर्ट का अंतिम फैसला इन दोनों मामलों पर जल्द ही सुनाया जाएगा। यदि एफआईआर निरस्त होती है तो कांग्रेस को बड़ी राहत मिल सकती है, वहीं यदि याचिका खारिज होती है तो पटवारी को कानूनी प्रक्रिया का सामना करना होगा।

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