दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। नगर निगम के पंडित भवानी प्रसाद तिवारी सभाकक्ष में गुरुवार को आयोजित सामान्य सभा की बैठक में कांग्रेस पार्षद संतोष दुबे (पंडा) ने जबलपुर शहर की स्वच्छता व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए एक बड़ा खुलासा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि रात्रिकालीन स्वच्छता कार्यों में भारी अनियमितताएं और भ्रष्टाचार हो रहा है, जिससे न सिर्फ नगर की सफाई व्यवस्था चरमरा रही है, बल्कि निगम का आर्थिक नुकसान भी हो रहा है।
पार्षद दुबे ने सदन में कहा कि नगर निगम द्वारा रात के समय मुख्य रूप से बाजार क्षेत्रों में सफाई के लिए लगभग 300 सफाई कर्मचारी और 50 कचरा ढोने वाली गाड़ियां तैनात की जाती हैं। लेकिन हकीकत यह है कि इनमें से लगभग 90% कर्मचारी रात में ड्यूटी पर आते ही नहीं हैं और न ही अधिकतर गाड़ियां मौके पर सक्रिय रहती हैं।
उन्होंने बताया कि जब रात में काम नहीं होता, तो सुबह की शिफ्ट के कर्मचारियों को रात का भी कार्यभार संभालना पड़ता है। इसका नतीजा यह होता है कि कॉलोनियों, गली-मोहल्लों की सफाई में भारी देरी होती है, जिससे नागरिकों को असुविधा का सामना करना पड़ता है और स्वच्छता अभियान की वास्तविकता पर भी सवाल उठते हैं।
पार्षद दुबे ने आरोप लगाया कि यह पूरा मामला एक सुनियोजित गबन और भ्रष्टाचार का है। सफाई कर्मचारियों और गाड़ियों की फर्जी हाजिरी लगाकर करोड़ों रुपए की बंदरबांट हो रही है। उन्होंने सदन के माध्यम से इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही।
सभा में उपस्थित अन्य पार्षदों ने भी संतोष दुबे की बात का समर्थन करते हुए नगर निगम प्रशासन से रात्रिकालीन सफाई व्यवस्था की वस्तुस्थिति सार्वजनिक करने की मांग की। साथ ही कहा कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे इस मुद्दे को सड़क से सदन तक लेकर जाएंगे।
अब देखना यह है कि नगर निगम प्रशासन इस गंभीर आरोप पर क्या कदम उठाता है और क्या वास्तव में जबलपुर की रात की सफाई व्यवस्था में सुधार हो पाता है या नहीं।