दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच ने सतना के कोतवाली थाना प्रभारी रविंद्र द्विवेदी को ऐसी सजा सुनाई है, जो पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई है। कोर्ट ने टीआई को आदेश दिया है कि वे 1000 फलदार पौधे लगाएं और उनकी खुद निगरानी कर उनकी देखभाल करें।
सतना निवासी रामअवतार चौधरी को नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में जिला अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। रामअवतार ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की। हाईकोर्ट ने 30 सितंबर 2024 को पीड़िता को नोटिस जारी करने का आदेश दिया था, लेकिन कोतवाली थाना प्रभारी रविंद्र द्विवेदी द्वारा यह नोटिस समय पर तामील नहीं कराया गया।
इस लापरवाही पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया। जब टीआई ने माफी मांगी तो कोर्ट ने उन्हें सामाजिक उत्तरदायित्व की अनोखी सजा सुनाई।
हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस अवनीन्द्र कुमार सिंह की डिवीजन बेंच ने आदेश दिया कि थाना प्रभारी रविंद्र द्विवेदी को सतना के चित्रकूट क्षेत्र में आम, जामुन, महुआ और अमरूद जैसे 1000 फलदार पौधे लगाने होंगे। यह कार्य 1 जुलाई 2025 से लेकर 31 अगस्त 2026 के बीच पूरा करना होगा।
हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि आदेशों का पालन न करना न्याय प्रक्रिया में गंभीर बाधा है। समाज के प्रति उत्तरदायित्व का भाव जागृत करने और पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से यह सजा दी गई है। अगली सुनवाई 16 सितंबर 2025 को होगी, जिसमें टीआई की प्रगति रिपोर्ट पर कोर्ट विचार करेगा।