लखीमपुर खीरी। धार्मिक आस्था के नाम पर लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ करते हुए कथित कथावाचक ने ग्रामीणों को करोड़ों के खजाने का सपना दिखाकर लाखों की ठगी कर ली। मामला पसगवां थाना क्षेत्र के पिपरोला कुंवरपुर गांव का है, जहां होली से ठीक पहले भागवत कथा कराने पहुंचे एक कथावाचक ने ग्रामीणों को ‘घर में दबे खजाने’ की पूजा कराने का लालच देकर नकदी, जेवर और जमीन तक हड़प ली।
महिला वेश में कथावाचक, लंबी जटाओं और चमत्कारी बातों से रचा भ्रमजाल
गांव में कथावाचक महिला के वेश में पहुंचा था। लंबे बाल और कथावाचक की वाणी ने पहले श्रद्धा जगाई, फिर उसी का फायदा उठाकर उसने गांव में भागवत कथा का आयोजन कराया। ग्रामीणों ने मिलकर यजमान बने। कथा के दौरान उसने दावा किया कि यजमानों के घरों में करोड़ों का खजाना दबा है, जिसे पूजा से निकाला जा सकता है लेकिन शर्त यह कि जो जितना दान देगा, उसे सोने के रूप में उससे कहीं अधिक मिलेगा।
लाखों की ठगी, जमीन के बैनामे भी कराए
कथावाचक की बातों में आकर रामलाल नामक ग्रामीण ने छह लाख रुपये नकद, सोने के गहने और एक प्लॉट उसके नाम कर दिया। मुंशी नामक व्यक्ति ने दो लाख रुपये, एक हार और सोने का कड़ा सौंपा। वहीं रामलखन ने दो लाख बीस हजार रुपये और सोने की चेन दी।
पड़ोसी गांव कमतरा की देवकी से कथावाचक ने एक लाख रुपये और एक हार लेकर उसके नौ बीघा खेत का बैनामा अपने नाम करा लिया। रायपुर कलां निवासी राजकमल से उसने छह लाख रुपये और सोने के गहने हड़प लिए।
भट्ठे की ईंटें निकलीं ‘सोने के संदूक’ से
एक ग्रामीण के घर कथावाचक ने एक संदूक में पूजा के नाम पर ईंटें भरकर सील कर दी थीं और कहा था कि कुछ दिन बाद इसे खोलना। जब निर्धारित समय बाद ग्रामीण ने संदूक खोला, तो अंदर सोने की ईंट की जगह साधारण भट्ठे की ईंटें निकलीं। यहीं से ठगी का भेद खुला।
शाहजहांपुर निवासी बताया जा रहा आरोपी, ग्रामीणों ने की शिकायत
आरोपी की पहचान शाहजहांपुर (उ.प्र.) के जलालाबाद निवासी के रूप में हुई है, जो गांव के ही एक व्यक्ति के संपर्क में था। ठगी का अहसास होते ही ग्रामीणों ने कथावाचक और उसके साथियों की तलाश शुरू की, लेकिन वे फरार हो चुके थे।
शुक्रवार को पीड़ितों ने पसगवां कोतवाली पहुंचकर थाना प्रभारी रविंद्र सोनकर को प्रकरण की जानकारी दी। थाना प्रभारी ने मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
ग्रामीण बोले: कर्ज लेकर की थी पूजा, अब फूटी कौड़ी नहीं बची
पीड़ित ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कथित पूजा के लिए ब्याज पर रुपये उधार लिए थे, अब ठगी का शिकार होकर उनके पास कुछ भी नहीं बचा। उनके सामने अब कर्ज चुकाने की चुनौती खड़ी हो गई है।
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