दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में व्याप्त अराजकता, भ्रष्टाचार और छात्र विरोधी नीतियों के विरोध में मंगलवार को NSUI (भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन) ने उग्र प्रदर्शन किया। एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय परिसर में कुलपति प्रोफेसर राजेश वर्मा के खिलाफ प्रतीकात्मक अर्थी यात्रा निकाली और कुलपति के इस्तीफे की मांग करते हुए मुख्य गेट पर घंटों धरना दिया।
प्रदर्शन के दौरान छात्र जबरन कुलपति कार्यालय की ओर बढ़े, जिन्हें पुलिस ने गेट पर ही रोक लिया। इसी दौरान पुलिस और छात्रों के बीच तीखी झड़प हो गई। बाद में छात्रों ने गेट पर ही 'अर्थी' का प्रतीकात्मक दहन कर कुलपति के तुरंत इस्तीफे की मांग दोहराई।
एनएसयूआई के अनुराग शुक्ला के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन में सैकड़ों छात्र शामिल हुए। उनका कहना था कि कुलपति की कार्यशैली निरंकुश, भ्रष्ट और पूरी तरह से छात्र विरोधी है। उन्होंने आरोप लगाया कि शासन की मेधावी योजना, संबल योजना और अन्य छात्र हितैषी योजनाएं लागू नहीं की जा रहीं, उल्टे छात्रों से जबरन फीस वसूली की जा रही है।
शुक्ला ने बताया कि विश्वविद्यालय के BCA और MCA विभागों में न कंप्यूटर लैब हैं और न ही जरूरी सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं, जिससे छात्रों को बिना प्रयोगात्मक ज्ञान के डिग्री लेने को मजबूर किया जा रहा है। यह न केवल AICTE के नियमों का उल्लंघन है, बल्कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े करता है।
एनएसयूआई ने यह भी आरोप लगाया कि कुलपति पर एक महिला अधिकारी ने यौन उत्पीड़न और अभद्र भाषा के इस्तेमाल जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनकी जांच हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित SIT द्वारा की जा रही है। इसके बावजूद वे पद पर बने हुए हैं, जो नैतिकता के विपरीत है।
संगठन ने यह भी बताया कि वर्ष 2009 में उनकी प्रोफेसर पद पर नियुक्ति UGC की पात्रता शर्तें पूरी न करने के बावजूद की गई थी। इसके अलावा शासनादेश की अनदेखी करते हुए कुलपति 25 लाख रुपये की इनोवा क्रिस्टा का उपयोग कर रहे हैं, जबकि शासन द्वारा अधिकतम 10 लाख रुपये की सीमा निर्धारित की गई है।
एनएसयूआई ने चेतावनी दी कि यदि जल्द इस्तीफा नहीं दिया गया, तो आंदोलन और उग्र रूप लेगा।