Jabalpur News: स्वाद की कीमत कहीं जान से न चुकानी पड़े! बार-बार तले तेल में बन रहे समोसे, मंगौड़े, कचौरी से हो सकती हैं घातक बीमारियाँ

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। अगर आप भी रोज़ाना समोसे, मंगौड़ा, कचौरी और भजिया जैसे तले हुए नाश्ते का आनंद लेते हैं, तो अब सतर्क हो जाइए। स्वास्थ्य विभाग की ताजा जांच में खुलासा हुआ है कि शहर के अधिकांश होटल, रेस्टोरेंट और ठेलों पर इन चीजों को बार-बार तले गए जले हुए काले तेल में तलकर परोसा जा रहा है, जिससे लोगों की सेहत पर गहरा असर पड़ रहा है।

तेजी से बढ़ रहे हार्ट पेशेंट

स्वास्थ्य विभाग द्वारा कराई जा रही जांच में सामने आया है कि कोलेस्ट्रॉल, बीपी और हार्ट संबंधी बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। विशेषज्ञों ने इन बीमारियों की मुख्य वजह ज्यादा मात्रा में तली-भुनी चीजों का सेवन और बार-बार इस्तेमाल हो रहे जले तेल को बताया है।

कैंसर, लकवा, अल्जाइमर का भी खतरा

डॉ. आरएस शर्मा, मेडिसिन और हृदय रोग विशेषज्ञ व पूर्व कुलपति मेडिकल यूनिवर्सिटी ने बताया कि बार-बार एक ही तेल को गर्म करने से उसमें फ्री रेडिकल्स बनने लगते हैं, जो शरीर में बेड कोलेस्ट्रॉल और ट्राईग्लिसराइड को बढ़ाते हैं। यह नसों में ब्लॉकेज, हार्ट अटैक, कैंसर और अल्जाइमर जैसी बीमारियों का कारण बन सकते हैं।

काली कड़ाही में तली जा रही बीमारी!

पड़ताल में सामने आया कि शहर के जयंती कॉम्पलेक्स, त्रिपुरी चौक, गौरीघाट बस स्टैंड, तिलवाराघाट, धनवंतरि नगर और रांझी जैसे इलाकों में कई दुकानदार एक ही कड़ाही में बार-बार तेल का उपयोग कर रहे हैं। काले तेल से तली जा रही कचौरी और समोसे में स्वाद तो मिल रहा है, लेकिन उसके साथ बीमारियों का तड़का भी परोसा जा रहा है।

सेहत का रखें ध्यान, लाजवाब स्वाद से पहले सोचे समझें

अगर आप भी रोज़ इन स्ट्रीट फूड्स के दीवाने हैं, तो अब समय है सतर्क होने का। स्वाद से समझौता करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन सेहत को प्राथमिकता देना ज्यादा ज़रूरी है। घर पर साफ तेल में बना खाना ही बेहतर विकल्प है।

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