परिवार के करीबी सूत्रों के अनुसार, उनका इलाज कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में चल रहा था, जहां वे लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे। डॉक्टर्स की टीम ने भरपूर कोशिश की, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
परिजनों और प्रोडक्शन टीम ने कुछ दिन पहले ही उनकी गिरती सेहत को लेकर मीडिया से जानकारी साझा की थी और साथ ही उनकी निजता बनाए रखने की अपील की थी। बीमारी से जूझने के बावजूद, वे हाल ही में इस्कॉन मंदिर में दर्शन के लिए भी पहुंचे थे।
धीरज कुमार के निधन से फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में शोक की लहर है। उनके सहयोगियों, प्रशंसकों और वरिष्ठ कलाकारों ने उन्हें सोशल मीडिया व निजी संदेशों के माध्यम से भावभीनी श्रद्धांजलि दी है।
70 के दशक के बहुआयामी कलाकार
धीरज कुमार ने अपने करियर की शुरुआत बतौर अभिनेता की थी और 1970 के दशक में वे एक चर्चित चेहरा बनकर उभरे। उन्होंने ‘दीदार’, ‘रातों का राजा’, ‘बहारों फूल बरसाओ’, ‘शराफत छोड़ दी मैंने’ और ‘रोटी कपड़ा और मकान’ जैसी कई चर्चित फिल्मों में अहम भूमिकाएं निभाईं। उनकी अभिनय शैली ने उन्हें दर्शकों के दिलों में एक खास मुकाम दिलाया।
निर्देशन और निर्माण में भी सिद्धहस्त
सिर्फ अभिनय ही नहीं, धीरज कुमार ने निर्देशन और निर्माण के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय योगदान दिया। उन्होंने पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री में काम करने के साथ-साथ बच्चों पर आधारित फिल्म ‘आबरा का डाबरा’ और रहस्य-रोमांच पर आधारित ‘द मिस्ट्री’ का निर्देशन किया।
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