गुरुग्राम। हरियाणा की होनहार टेनिस खिलाड़ी और उभरती कोच राधिका यादव की हत्या ने खेल जगत और समाज को स्तब्ध कर दिया है। गुरुवार को गुरुग्राम के सुशांत लोक स्थित उनके आवास पर उस समय सनसनी फैल गई जब 25 वर्षीय राधिका की उसके ही पिता ने गोली मारकर हत्या कर दी।
जानकारी के अनुसार, राधिका अपने घर के किचन में खाना बना रही थीं, तभी उनके पिता दीपक यादव ने पीछे से उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। लाइसेंसी 32 बोर की रिवॉल्वर से चलाई गई पांच गोलियों में से तीन राधिका को लगीं। उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
राधिका यादव: एक चमकता हुआ सितारा
राधिका यादव हरियाणा की टॉप-5 टेनिस खिलाड़ियों में शुमार थीं। उन्होंने 57 राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया और 18 स्वर्ण पदक अपने नाम किए। नवंबर 2024 में वे इंटरनेशनल टेनिस फेडरेशन (ITF) की वुमन डबल्स रैंकिंग में 113वें स्थान तक पहुंची थीं। हाल के वर्षों में उन्होंने एक निजी टेनिस अकैडमी की स्थापना भी की थी और कोच के रूप में कई खिलाड़ियों को प्रशिक्षित कर रही थीं।
परिवार के करीबी बताते हैं कि राधिका न केवल एक मेहनती खिलाड़ी थीं, बल्कि घरेलू जिम्मेदारियों में भी सक्रिय रहती थीं। दिनभर की थकाऊ ट्रेनिंग के बावजूद वह घर के कामों में भी भागीदारी निभाती थीं।
हत्या के पीछे ‘सामाजिक ताने’ और ‘पितृसत्ता की टीस’
हत्या के बाद जब पुलिस ने 49 वर्षीय दीपक यादव से पूछताछ की, तो उसने चौंकाने वाला खुलासा किया। दीपक ने कहा कि जब वह दूध लेने या मोहल्ले में कहीं बाहर निकलता, तो लोग ताना मारते थे कि “बेटी की कमाई खा रहा है”। इन बातों ने उसे भीतर तक झकझोर दिया था। दीपक ने कबूला कि वह कई बार इस बात को लेकर राधिका से भी बहस कर चुका था।
राधिका के चाचा कुलदीप यादव ने FIR में बताया कि “जब गोली की आवाज़ सुनकर मैं घर पहुंचा तो देखा राधिका किचन में गिरी पड़ी थी और रिवॉल्वर ड्रॉइंग रूम में पड़ा था। मैंने और बेटे पीयूष ने उसे अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।” पुलिस ने दीपक यादव को घटनास्थल से गिरफ्तार कर लिया है।