दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मिट्टी से जिंदगी गढ़ने वाले कुम्हार परिवार के बेटे ने अपनी मेहनत से विज्ञान की दुनिया में एक नई पहचान बना ली है। गढ़ा क्षेत्र के त्रिपुरी चौक पर सड़क किनारे मटके और मिट्टी के बर्तन बेचने वाले चक्रवर्ती परिवार के बेटे अजय चक्रवर्ती ने वो कर दिखाया है, जो कई युवाओं का सपना होता है।
अजय ने बताया कि उन्होंने IIT JAM परीक्षा में देशभर में 19वीं रैंक हासिल की, साथ ही CSIR-NET भी पास किया। इस उपलब्धि के बाद उनका चयन भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) और भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) में वैज्ञानिक पद के लिए हुआ है।
अजय ने सोमवार सुबह बताया कि ये सफलता उन्हें परिवार के संघर्ष, मार्गदर्शन और लगातार मेहनत के दम पर मिली है। उन्होंने यह भी कहा कि मिट्टी से जुड़े उनके बचपन ने उन्हें जमीनी रहकर ऊँचाइयाँ छूने की प्रेरणा दी।
इस सफलता से न सिर्फ अजय के परिवार में खुशी की लहर है, बल्कि पूरे जबलपुर को उन पर गर्व हो रहा है। अजय चक्रवर्ती आज उन युवाओं के लिए मिसाल हैं, जो सीमित संसाधनों में भी अपने सपनों को उड़ान देने का हौसला रखते हैं।
अजय ने बताया कि उन्होंने IIT JAM परीक्षा में देशभर में 19वीं रैंक हासिल की, साथ ही CSIR-NET भी पास किया। इस उपलब्धि के बाद उनका चयन भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) और भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) में वैज्ञानिक पद के लिए हुआ है।
अजय ने सोमवार सुबह बताया कि ये सफलता उन्हें परिवार के संघर्ष, मार्गदर्शन और लगातार मेहनत के दम पर मिली है। उन्होंने यह भी कहा कि मिट्टी से जुड़े उनके बचपन ने उन्हें जमीनी रहकर ऊँचाइयाँ छूने की प्रेरणा दी।
इस सफलता से न सिर्फ अजय के परिवार में खुशी की लहर है, बल्कि पूरे जबलपुर को उन पर गर्व हो रहा है। अजय चक्रवर्ती आज उन युवाओं के लिए मिसाल हैं, जो सीमित संसाधनों में भी अपने सपनों को उड़ान देने का हौसला रखते हैं।