धार/भोपाल। मध्यप्रदेश में लगातार चुनावी हार झेल रही कांग्रेस अब 2028 की तैयारी में तीन साल पहले ही जुट गई है। पार्टी ने संगठन को फिर से मजबूत करने और जमीनी रणनीति को धार देने के मकसद से धार जिले के मांडू में 21-22 जुलाई को दो दिवसीय विशेष प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया है। इसे ‘नव संकल्प शिविर’ नाम दिया गया है, जिसमें कांग्रेस के सभी विधायक शामिल होंगे।
क्या है शिविर का एजेंडा?
शिविर में विधायकों को 12 अलग-अलग सत्रों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें पार्टी की विचारधारा, संगठन निर्माण, डिजिटल संचार और चुनावी रणनीतियों पर फोकस रहेगा।
मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
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शिविर की शुरुआत एक विशेष वीडियो से होगी, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सरकार के कार्यों और "भारत निर्माण" अभियान को दर्शाया जाएगा।
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कांग्रेस की ऐतिहासिक भूमिका, आजादी के बाद देश के निर्माण में उसका योगदान और पार्टी की विचारधारा पर चर्चा होगी।
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संविधान में कांग्रेस की भूमिका और उसकी मूल आत्मा को लेकर सत्र रखा गया है।
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जातिगत जनगणना और राहुल गांधी के इस अभियान पर विशेष फोकस रहेगा।
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संगठनात्मक मजबूती, बीएलए की नियुक्ति, बूथ प्रबंधन और माइक्रो लेवल चुनावी प्लानिंग पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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मीडिया और सोशल मीडिया की भूमिका, संचार कौशल और डिजिटल टूल्स के प्रभावी उपयोग पर खास सत्र होंगे।
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भाजपा सरकार की विफलताओं को जनता तक प्रभावी तरीके से पहुंचाने की रणनीति सिखाई जाएगी।
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शिविर के समापन से पहले ऐतिहासिक और राजनीतिक विषय पर आधारित एक विशेष फिल्म भी दिखाई जाएगी।
कब और कैसे होगा शिविर:
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20 जुलाई: विधायकों का आगमन और रजिस्ट्रेशन
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21-22 जुलाई: 12 विषयों पर केंद्रित प्रशिक्षण सत्र
राजनीतिक संदेश भी छिपा है
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह शिविर केवल प्रशिक्षण भर नहीं, बल्कि पार्टी के भीतर अनुशासन, विचारधारा और सामूहिक सोच को एक नई दिशा देने की कोशिश है। मांडू जैसे शांत और ऐतिहासिक स्थल का चयन भी यह संकेत देता है कि कांग्रेस अब आंतरिक चिंतन के साथ एक संगठित लड़ाई की तैयारी कर रही है।