दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज शिवहरे के बेटे शिवांक शिवहरे पर हुए जानलेवा हमले को लेकर वकील समुदाय में भारी आक्रोश है। गुरुवार को जबलपुर जिला न्यायालय के अधिवक्ताओं ने अदालती कामकाज बंद कर मानव श्रृंखला बनकर प्रदर्शन किया। इस दौरान अधिवक्ताओं ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) सम्पत उपाध्याय के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनके इस्तीफे की मांग भी की।
जिला सत्र न्यायलय अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने बताया कि उन्होंने साथी अधिवक्ताओं के साथ पुलिस अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर 24 घंटे के भीतर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की थी, लेकिन 72 घंटे बाद भी एक भी आरोपी गिरफ्तार नहीं हुआ। वकीलों का आरोप है कि पुलिस की लापरवाही के चलते आरोपियों को फरार होने का भरपूर मौका मिल गया। यदि जल्द गिरफ्तारी नहीं हुई, तो वे सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
क्या है पूरा मामला?
घटना थाना लार्डगंज क्षेत्र की है। अधिवक्ता मनोज शिवहरे का "सिल्वर हाउस" नामक शोरूम सुपर मार्केट में निर्माणाधीन है। रात करीब 9 बजे "सुहागन आभूषण" के संचालक गोलू उर्फ ऋषि अग्रवाल ने उन्हें फोन पर बताया कि आदित्य दिवाकर नामक युवक उनकी दुकान से दो जेवरों के डिब्बे उठा ले गया है।
बातचीत के दौरान आदित्य के पिता जितेंद्र जैन ने बेटे को बुलवाकर डिब्बे वापस करवा दिए, लेकिन इसके बाद गोलू और जितेंद्र के बीच हिसाब-किताब को लेकर विवाद शुरू हो गया। फिर पवन चौधरी और नन्नू जैन भी वहां आ गए। सभी लोग ऊपर शोरूम में चले गए।
इसी दौरान फोन कर गगन यादव, साहिल यादव, शुभम सोनी और 10–12 अन्य लड़कों को बुलाया गया, जो जबरन ऊपर घुस आए। जब शिवांक शिवहरे ने उन्हें बाहर निकलने को कहा, तो झगड़ा शुरू हो गया। नन्नू जैन ने शिवांक का गला पकड़ लिया और गालियां देने लगा।
बाद में नीचे आकर नन्नू और पवन ने शिवांक को पकड़ लिया और कहा – "ऊपर बहुत उड़ रहा था", इसके बाद सबने मिलकर उस पर चाकू से हमला कर दिया। उसकी दोनों जांघों में गंभीर चोटें आईं। बीच-बचाव करने पहुंचे अधिवक्ता मनोज शिवहरे भी घायल हो गए।
पुलिस की कार्रवाईघटना को गंभीरता से लेते हुए एसपी सम्पत उपाध्याय ने जांच के आदेश दिए हैं। एएसपी आनंद कलादगी और सीएसपी रीतेश शिव के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी नवल सिंह आर्य के नेतृत्व में गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम गठित की गई है।
शिवांक शिवहरे को तुरंत विक्टोरिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 296, 191(2)(3), 333, 324(4), 109, 351(2) के तहत केस दर्ज किया है।
अधिवक्ताओं की चेतावनी
वकीलों ने स्पष्ट कहा है कि यदि शीघ्र आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की गई, तो वे न्यायालय परिसर के अलावा बाहर आकर सड़क पर उतरेंगे। प्रदर्शन के दौरान उन्होंने पुलिस अधीक्षक के खिलाफ इस्तीफे की मांग करते हुए जमकर नारेबाजी की। वकीलों का कहना है कि प्रशासनिक लापरवाही से अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और अब वकीलों की सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।