इंदौर। धार्मिक भावनाओं और कलात्मक अभिव्यक्ति के टकराव का एक और मामला रविवार को इंदौर के खजराना क्षेत्र में सामने आया। यहां ‘मॉडर्न शैली’ में बनाई जा रही गणेश प्रतिमाओं को लेकर बजरंग दल ने विरोध जताया और मूर्ति बनाने वाले बंगाली कलाकारों पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया। विरोध के दौरान प्रदर्शनकारियों ने कलाकारों का मुंह कालिख से पोता और उन्हें थाने ले जाकर पुलिस से शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने तीन मूर्तिकारों चंद्रनाथ पाल, रतनलाल पाल और राजू पाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 299 (धार्मिक भावनाएं आहत करना) समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली है। फिलहाल तीनों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जा रही है।
क्या था मामला?
बजरंग दल का आरोप है कि उक्त कलाकार ‘मॉडर्न’ स्टाइल में भगवान गणेश की ऐसी प्रतिमाएं बना रहे थे, जो परंपरागत धार्मिक स्वरूप से भटकती थीं और कुछ हद तक आपत्तिजनक प्रतीत होती थीं। दल के पदाधिकारियों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है; इन कलाकारों पर पहले भी देवी की प्रतिमा को बुर्का पहनाने का आरोप लग चुका है हालांकि तब जांच में शिकायत निराधार पाई गई थी।
पुलिस का पक्ष
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अमरेंद्र सिंह ने पुष्टि की कि खजराना क्षेत्र में ग्राहकों के ऑर्डर पर कुछ ‘मॉडर्न डिजाइन’ की गणेश प्रतिमाएं बनाई जा रही थीं। उन्होंने कहा, “हमें शिकायत मिली, जिस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज की गई है। इस विषय पर शहर के सभी मूर्तिकारों के साथ बैठक कर धार्मिक भावनाओं का सम्मान सुनिश्चित करने की पहल की जाएगी।”
कलाकारों ने क्या कहा?
विवादित प्रतिमाओं पर काम कर रहे मूर्तिकार अतुल पाल ने बताया कि ग्राहकों की मांग पर इन मूर्तियों का निर्माण किया जा रहा था। “सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल होने और विरोध के बाद संबंधित ऑर्डर रद्द कर दिए गए हैं। अब पारंपरिक मूर्तियां ही बनाई जा रही हैं,” उन्होंने कहा।सांस्कृतिक नवाचार या धार्मिक अतिक्रमण?
घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या कलात्मक स्वतंत्रता के नाम पर धार्मिक प्रतीकों के स्वरूप से छेड़छाड़ स्वीकार्य है? मूर्तिकारों का दावा है कि वे नवाचार के तहत नई शैली में काम कर रहे थे, जबकि विरोधियों का कहना है कि यह नवाचार नहीं, धार्मिक आस्था पर चोट है।
बजरंग दल की चेतावनी
बजरंग दल के जिला संयोजक लकी रघुवंशी ने कहा, “हिंदू देवी-देवताओं की परंपरागत छवि से छेड़छाड़ किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी मूर्तिकारों को चेतावनी दी गई है कि भविष्य में किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक प्रतिमा बनाई गई तो व्यापक विरोध होगा।”