दैनिक सांध्य बन्धु ( एजेंसी ) नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के पांचवें दिन विपक्ष ने बिहार में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के खिलाफ संसद परिसर में प्रदर्शन किया। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित विपक्षी सांसदों ने गांधी प्रतिमा से नए संसद भवन के मकर द्वार तक मार्च निकाला। वहां सभी ने "SIR" लिखे पोस्टर फाड़कर प्रतीकात्मक डस्टबिन में डाल दिए और मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार SIR के ज़रिए गरीब और वंचित वर्ग के लोगों को मतदाता सूची से बाहर करने की साजिश कर रही है। राज्यसभा में खड़गे ने सरकार पर संविधान की अनदेखी का आरोप लगाया, जबकि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि यह लोकतंत्र पर हमला है।
हंगामे के चलते लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही कुछ मिनटों में ही स्थगित हो गई। स्पीकर ओम बिरला ने सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों शामिल हुए। बैठक के बाद सहमति बनी कि 28 जुलाई से संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलेगी। इसी दिन "ऑपरेशन सिंदूर" पर चर्चा भी होगी, जिसके लिए 16 घंटे का समय निर्धारित किया गया है।
सपा सांसद राम गोपाल यादव ने कहा कि विपक्ष गांधीवादी तरीके से लोकतंत्र की हत्या के खिलाफ आवाज उठाता रहेगा। कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने SIR को सीधे तौर पर लोकतंत्र की हत्या बताया। इस बीच, भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल ने संसद में हो रहे घटनाक्रम को चिंताजनक करार देते हुए विपक्ष से शांति की अपील की।
इस मुद्दे के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्रा पर भी विपक्ष ने सवाल उठाए। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि जब देश चुनाव आयोग की निष्पक्षता को लेकर चिंतित है, तब पीएम देश से बाहर हैं।
अब 28 जुलाई को सदन में इस विवाद पर पूरी बहस होगी, जिससे यह स्पष्ट होगा कि सरकार SIR को लेकर क्या रुख अपनाती है और विपक्ष कितनी मजबूती से अपनी बात रखता है। संसद का यह मानसून सत्र 21 अगस्त तक चलेगा जिसमें 18 बैठकें निर्धारित हैं।