दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। नेताजी सुभाषचंद्र दैनिक सांध्य बन्धु बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर के प्रथम वर्ष के छात्र शिवांश गुप्ता की रहस्यमय मौत के दो महीने बाद अब मामला नया मोड़ लेता नजर आ रहा है। 21 वर्षीय एमबीबीएस छात्र की हॉस्टल की चौथी मंजिल से गिरकर मौत हुई थी, जिसे पुलिस ने आत्महत्या बताया, लेकिन परिजनों ने इसे सुनियोजित हत्या करार देते हुए सीबीआई जांच की मांग की है।
अब मानव अधिकार व अपराध नियंत्रण संगठन द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को भेजे गए पत्र के बाद, केंद्रीय गृह मंत्रालय और लोक शिकायत विभाग ने मामले में संज्ञान ले लिया है। मंत्रालय अब मध्यप्रदेश सरकार से पत्राचार कर रहा है। यदि राज्य सरकार सहमत होती है तो CBI जांच की संभावना प्रबल हो जाएगी।
शिवांश के पिता संतोष गुप्ता ने जबलपुर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस मामले को एक लड़की से जोड़कर जांच को भटका रही है। न तो CCTV फुटेज दिखाए गए और न ही कॉल डिटेल साझा की गई। उन्होंने पुलिस पर जानबूझकर साक्ष्य दबाने का आरोप लगाया और कहा कि परिजनों को जांच प्रक्रिया पर विश्वास नहीं है।
इन्होंने कहा
गढ़ा थाना प्रभारी प्रसन्न शर्मा का कहना है कि सभी एंगल से जांच की जा रही है और रैगिंग की पुष्टि एंटी रैगिंग सेल की रिपोर्ट में नहीं हुई है। परिजनों से दोबारा बयान लिए जाएंगे।
संगठन का आरोप – जांच में ढिलाई, दबाए जा रहे तथ्य
मानव अधिकार संगठन के अध्यक्ष डॉ. अजय वाधवानी ने कहा, "यह मामला आत्महत्या नहीं, किसी दबाव या साजिश की ओर इशारा करता है। हमने केंद्र से निष्पक्ष जांच की मांग की है। जबलपुर पुलिस की जांच धीमी है और तथ्य दबाए जा रहे हैं।"
मौत से जुड़े संदेह और परिजनों के आरोप:
मौत से 3 दिन पहले खरीदी थी नई बाइक: परिजनों का दावा है कि नई बाइक लाने से सीनियर छात्र नाराज थे और इसी के चलते शिवांश के साथ रैगिंग व मारपीट हुई।
मानसिक दबाव में था छात्र: छात्र ने अपनी मां से फोन पर रैगिंग और मारपीट की बात बताई थी। एक चाय दुकान वाले ने भी छात्र को तनाव में देखा था।
मौत संदिग्ध परिस्थितियों में: परिजनों ने बताया कि जिस जगह से छात्र गिरा, वहां खून के निशान नहीं थे, शरीर पर गहरी चोट के संकेत नहीं मिले और न ही कोई सुसाइड नोट बरामद हुआ।
मोबाइल से भेजे गए संदिग्ध मैसेज: मृतक का मोबाइल अनलॉक अवस्था में था, जिससे परिजनों को शक है कि किसी और ने उससे संदिग्ध मैसेज भेजे हो सकते हैं।
क्या मिलेगा शिवांश को न्याय?
CBI जांच की मांग अब राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच चुकी है। यदि केंद्र और राज्य सरकार की सहमति बनती है, तो इस केस की सच्चाई सामने आने की उम्मीद जगी है। परिजनों का कहना है हमें न्याय चाहिए, न कि लीपापोती।