दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जिला दंडाधिकारी एवं कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जबलपुर जिले में सड़कों पर आवारा मवेशियों की वजह से बढ़ रही दुर्घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए मंगलवार को प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिए हैं। यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत लागू किया गया है, जो तत्काल प्रभाव से पूरे जिले में प्रभावशील हो गया है और आगामी आदेश तक लागू रहेगा।
गौवंश को सड़कों पर खुला छोड़ना अपराध
प्रतिबंधात्मक आदेश के अनुसार, कोई भी व्यक्ति या पशुपालक अपने मवेशियों को जानबूझकर या लापरवाही से सड़कों पर नहीं छोड़ेगा। यदि ऐसा पाया गया, तो संबंधित व्यक्ति पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223, पशु क्रूरता अधिनियम 1960 एवं नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 358 के अंतर्गत सख्त कार्यवाही की जाएगी।
ग्राम पंचायतें और नगरीय निकाय जिम्मेदार
आदेश में स्पष्ट किया गया है कि ग्राम पंचायत और नगरीय निकाय, अपने क्षेत्रों में मवेशियों के सड़क पर विचरण को रोकने के लिए पूर्णतः उत्तरदायी होंगे। इन निकायों को आवश्यकता अनुसार कर्मचारी या वालंटियर नियुक्त करने होंगे तथा सार्वजनिक रूप से मुनादी कराकर पशुपालकों को सतर्क किया जाएगा।
बीमार मवेशियों की जिम्मेदारी भी तय
बीमार, रोगग्रस्त या विकलांग मवेशियों को सड़क पर छोड़ना भी प्रतिबंधित है। ऐसी स्थिति में पशुपालक को स्थानीय निकाय या गौशाला संचालक से संपर्क कर मवेशियों को सुरक्षित रूप से स्थानांतरित करना होगा।
सड़क निर्माण एजेंसियों को मिली नई जिम्मेदारी
राष्ट्रीय राजमार्ग, एमपीआरडीसी, लोक निर्माण विभाग और पीएमजीएसवाई जैसी एजेंसियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने अधीन सड़कों पर मवेशियों की पेट्रोलिंग करें और दुर्घटनाएं रोकने हेतु आवश्यक उपाय करें। इसके साथ ही दुर्घटनाओं में मृत मवेशियों का तत्काल निस्तारण और घायलों का इलाज सुनिश्चित करना होगा।
आपातकालीन सूचनाएं इन नंबरों पर दें
सड़क पर मवेशी मृत पाए जाने पर नागरिक जिला कंट्रोल रूम, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के हेल्पलाइन 1033, या पशु चिकित्सा इकाई के नंबर 1962 पर सूचना दे सकते हैं।
कठोर कार्रवाई की चेतावनी
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने चेतावनी दी है कि प्रतिबंधात्मक आदेश का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह कदम जिले में सड़क सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और जनजीवन को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से उठाया गया है।