दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। संस्कारधानी कहलाने वाले जबलपुर के सबसे बड़े मुक्तिधाम गौरी घाट की बदहाली ने इंसान की आखिरी यात्रा तक को तकलीफदेह बना दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो ने इस स्थिति को उजागर किया है, जिसमें देखा जा सकता है कि किस तरह बारिश के दौरान लोग जलती चिताओं के पास खुले आसमान के नीचे खड़े हैं। कोई छाता लेकर भीग रहा है, तो कोई टपकते टीन शेड से बचने की कोशिश करता नजर आ रहा है।
गौरतलब है कि मां नर्मदा के तट पर स्थित गौरी घाट में रोजाना 10 से 15 अंतिम संस्कार होते हैं। लेकिन जैसे ही बारिश आती है, यह मुक्तिधाम मुसीबत में बदल जाता है। वीडियो में जर्जर शेड, फर्श पर जमा पानी और हर ओर अव्यवस्था साफ नजर आ रही है।
बारिश में राख भी बह जाती है
आशीष मिश्रा ने बताया कि वर्षों से शेड बदलने की मांग की जा रही है, लेकिन हालात जस के तस हैं। तेज बारिश में चिताओं की राख बह जाती है, लकड़ियां भीग जाती हैं और परिजन मजबूरी में भीगते हुए संस्कार करते हैं। कुछ महीने पहले लाखों रुपए खर्च कर जीर्णोद्धार की बात कही गई थी, लेकिन नतीजा सामने है। हालात पहले से भी ज्यादा खराब हो चुके हैं।
जल्द सुधार का दावा
नगर निगम के जोन प्रभारी पवन श्रीवास्तव ने बताया कि शेड की हालत खराब है। चारों टीन शेड बदले जाने हैं और इसके लिए डीपीआर तैयार कर ली गई है। वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है और काम जल्द ही शुरू होगा।
क्या मरने के बाद भी नहीं मिलेगा सम्मान?
गौरी घाट की स्थिति पर शहरवासियों में नाराजगी है। उनका कहना है कि नगर निगम का करोड़ों का बजट आखिर कहां जा रहा है? क्या अंतिम यात्रा को भी इज्जत के साथ पूरा करने का हक नहीं? यह सवाल केवल एक व्यक्ति का नहीं, पूरे शहर का है।