शुजालपुर/इंदौर/जबलपुर। इंदौर से जबलपुर जा रही एक यात्री ट्रेन में सोमवार रात उस वक्त सनसनी फैल गई जब जनरल कोच में एक 14 वर्षीय नाबालिग लड़की बेहोशी की हालत में खून से लथपथ मिली। लड़की के गले, छाती और हाथों पर धारदार हथियार से किए गए गहरे घाव थे। घटनास्थल पर मौजूद यात्रियों ने जब यह भयावह स्थिति देखी तो तुरंत रेलवे हेल्पलाइन को सूचना दी।
ट्रेन के शुजालपुर स्टेशन पहुंचने पर आरपीएफ और स्थानीय पुलिस ने महिला स्टाफ की मौजूदगी में लड़की को बाहर निकाला और प्राथमिक इलाज के लिए शुजालपुर शासकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया।
एंबुलेंस लेट हुई, ऑटो से पहुंचाया अस्पताल
आरपीएफ सूत्रों के अनुसार, ट्रेन के पहुंचते ही 108 एंबुलेंस को बुलाया गया था, लेकिन समय पर न आने के कारण लड़की को ऑटोरिक्शा के माध्यम से अस्पताल पहुंचाया गया। यह सवाल खड़े करता है कि आपातकालीन सेवाएं ऐसे मामलों में कितनी तत्पर हैं।शासकीय अस्पताल की डॉक्टर डॉ. रामसरिया ने बताया, "लड़की बेहद डरी हुई है, हर 10-15 मिनट में होश में आने पर 'मुझे बचा लो' चिल्लाती है। शरीर पर कई जगह ब्लेड जैसी किसी धारदार चीज़ से किए गए घाव हैं। प्राथमिक मेडिकल जांच में उसके साथ यौन हिंसा के स्पष्ट संकेत नहीं मिले हैं, लेकिन मानसिक स्थिति बेहद खराब है।"
हालांकि, इस प्रारंभिक रिपोर्ट को अंतिम नहीं माना जा सकता, क्योंकि कई बार ऐसे मामलों में विस्तृत चिकित्सकीय जांच के बाद ही सच्चाई सामने आती है। वहीं, आरपीएफ और स्थानीय पुलिस ने मामले पर कोई अधिकारिक बयान देने से इनकार कर दिया है।
ट्रेन में यात्री ने पूछकर निकाला पिता का नंबर, हुआ खुलासा
कोच में मौजूद दतिया निवासी एक यात्री ने लड़की से बातचीत कर उसके पिता का मोबाइल नंबर लिया और तुरंत आरपीएफ को जानकारी दी। जब आरपीएफ ने उस नंबर पर संपर्क किया तो सामने आया कि लड़की का नाम पूनम पाल है और वह 23 जून से लापता थी। परिजनों ने 24 जून को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।