दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। डिजिटल लेनदेन की बढ़ती सुविधा के बीच साइबर अपराधी लगातार लोगों को निशाना बना रहे हैं। ताजा मामला रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के एक छात्र से जुड़ा है, जो ई-वॉलेट से रसीद प्राप्त करने की कोशिश में साइबर जाल में फंस गया और उसके बैंक खाते से 1.41 लाख रुपये गायब कर दिए गए।
ढीमरखेड़ा के ग्राम मेर निवासी शैतान सिंह विश्वविद्यालय के देवेंद्र हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। कुछ समय पहले उन्होंने अपने मोबाइल से एक ई-वॉलेट ऐप के माध्यम से 20 हजार रुपये का डिजिटल गोल्ड खरीदा था। लेकिन उस ट्रांजैक्शन की रसीद गुम हो गई, जिसके चलते वह न तो निवेश की पुष्टि कर पा रहे थे और न ही रिफंड ले पा रहे थे।
रसीद दोबारा प्राप्त करने के लिए उन्होंने गूगल पर संबंधित ई-वॉलेट कंपनी का कस्टमर केयर नंबर खोजा, लेकिन जो नंबर मिला वह असली नहीं, बल्कि साइबर ठगों का जाल था। उस नंबर पर कॉल करने पर ठग ने खुद को कंपनी का प्रतिनिधि बताया और कहा कि वह जैसा कहे, वैसा करते जाएं। फिर छात्र को तीन अन्य नंबर दिए गए और किसी एक नंबर पर संपर्क करने को कहा गया।
छात्र ने बताए अनुसार कॉल किया और निर्देशों के मुताबिक मोबाइल में विभिन्न प्रक्रियाएं फॉलो करता गया। कुछ ही देर में उसके बैंक खाते से एक लाख 41 हजार रुपये निकल गए। जब तक छात्र को ठगी का अहसास हुआ, तब तक देर हो चुकी थी। पीड़ित छात्र ने तुरंत सिविल लाइंस थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।